देश के सर्वांग विकास के लिए सभी का एकजुट होना जरूरी बौद्धचार्य :रमेश चंद्र गौतम

कानपुर : भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश शाखा द्वारा इन्दिरा नगर, कल्याणपुर में स्थित गौतम बुद्ध पार्क में महान सम्राट अशोक धम्म विजय दशमी एवं बाबा साहब डा० अम्बेडकर दीक्षा पर्व का आयोजन किया सर्वप्रथम भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर बौद्धचार्य रमेश चंद्र गौतम राम सजीवन ओ पी सिंह सही अनेक बौद्ध अनुयायियों ने पुष्प अर्पित कर वंदना की उसके उपरांत बौद्ध विद्वान भन्ते रत्नाकर जी, धम्मा लर्निंग सेन्टर सारनाथ द्वारा बुद्ध वंदना त्रिसरण पंचशील के साथ सुत्तपाठ का संगायन किया गया
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एक बातचीत के दौरानबौद्धचार्य रमेश चंद्र गौतम ने अपने विचार रखते हुए बताया कि भगवान बुद्ध शान्ति, करूणा, मैत्री का उपदेश लेकर सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की भावना रखते हुए एक नये धर्म का आविष्कार किया महान सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को अपना कर कभी भी युद्ध न करने का निणर्य किया और बौद्ध धर्म को राज धर्म का स्थान दिया महान सम्राट अशोक ने अपने धर्म प्रचारकों को श्रीलंका, नेपाल, सीरिया, अफगानिस्तान मिस्र यूनान आदि देशों में भेज कर सम्पूर्ण विश्व में बौद्ध धर्म का प्रचार किया अपने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को भी धर्म प्रचार हेतु भारत के बाहर भेजा आगे चलकर बौद्ध धर्म के कारण ही हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाया सम्राट अशोक का साम्राज्य भारत का सबसे बडा साम्राज्य था आज भी सम्राट अशोक को विस्तृत साम्राज्य व एक अच्छा कुशाल प्रशासक एवं बौद्ध धर्म के प्रचार के लिये जाना जाता है
सम्राट अशोक को प्रियदर्शी देवानम्प्रिय आदि अनेक नामों से जाना जाता है आज के ही दिन भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डा० बीआर अम्बेडकर ने 1956 में नागपुर में लाखों लोगों के साथ बौद्ध धर्म अपना कर धर्म का प्रचार किया आज उनके अनुयायी समानता के लिये संघर्ष कर रहे हैं यह पर्व सम्मान और समानमा का पर्व है शान्ती का पर्व है बौद्ध धर्म स्वीकार करने के बाद अशोक ने शिकार तथा पशु हत्या करना छोड़ दिया और बौद्ध धर्म के लिये खुलकर दान दिया हमारे समाज के तमाम पुरुषों ने अपना जीवन सब समाज के विकास के लिए लगाया इसलिए बिना सर्व समाज के साथ के भारत देश का विश्वगुरु बनना असंभव है
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