लखनऊ के मोहन मावा: कला की नई परिभाषा गढ़ने वाले दृश्य कलाकार
लखनऊ : लखनऊ के प्रख्यात दृश्य कलाकार मोहन मावा ने कला के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान स्थापित की है। अपने रचनात्मक कौशल और कला के प्रति गहरी सोच के कारण, वे न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी जाने जाते हैं।
जन्म और शिक्षा: मोहन मावा का जन्म सितंबर 1983 में कानपुर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से ली और डी.ए.वी. महाविद्यालय से विज़ुअल आर्ट्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने स्वतंत्र कलाकार के रूप में बड़े-बड़े फिल्म पोस्टर और बैनर पेंट करना शुरू कर दिया था, जिसने उनकी कला यात्रा की शुरुआत की।
कला का दृष्टिकोण: मोहन मानते हैं कि कला केवल तकनीकी कौशल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिकता और दृष्टि की अभिव्यक्ति का माध्यम है। उनकी विशेषज्ञता डिजिटल फोटोशॉप, फिल्म मेकिंग, क्ले मॉडलिंग और मैनुअल पेंटिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है।
उपलब्धियाँ: अब तक, मोहन मावा ने देशभर में 50 से अधिक कला प्रदर्शनियों में भाग लिया है, जहां उनकी कलाकृतियों ने कला प्रेमियों के दिलों में खास स्थान बनाया है। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं।
वर्तमान कार्य: वर्तमान में, मोहन मावा लखनऊ स्थित टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। वे अपनी कला दृष्टि और अनुभव से नई पीढ़ी के कलाकारों को प्रेरित कर रहे हैं, जिससे कला का यह क्षेत्र और भी समृद्ध होता जा रहा है।
मोहन मावा की कला यात्रा एक उदाहरण है कि कैसे दृढ़ संकल्प और रचनात्मकता के माध्यम से व्यक्ति अपनी पहचान बना सकता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
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