आज के समय में लोग भक्ति को भी “ट्रेंडिग” का हिस्सा बना बैठे  : देवकीनंदन

Oct 29, 2025 - 20:49
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आज के समय में लोग भक्ति को भी “ट्रेंडिग” का हिस्सा बना बैठे  : देवकीनंदन

कानपुर : कानपुर में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का षष्टम दिवस पर  कथा के दौरान पूज्य महाराज  ने अनाथ आश्रम में रह रहे बुजुर्गों को कंबल वितरण कर उनके साथ आत्मीय संवाद किया। महाराज  ने उनके सुख-दुःख को सुना, उन्हें धैर्य, भक्ति और ईश्वर पर विश्वास बनाए रखने का संदेश दिया।

कथा में स्नेहलता भदौरिया जी ने पधारकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया और कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को सुन्दर भजन श्रवण कराया।  कथा में किशोरी जी ने पधारकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया और कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को अपने प्रेरणादायी विचारों से संबोधित किया।

आजकल के समय में लोग भक्ति को भी “ट्रेंडिग” का हिस्सा बना बैठे हैं। लोग इस बात पर ध्यान देने लगे हैं कि कौन सा गुरु या कौन सी भक्ति सोशल मीडिया पर अधिक प्रसिद्ध है और उसी की पूजा करने लगते हैं। भक्ति और गुरु की साधना कोई प्रतियोगिता नहीं होती। सच्चा गुरु वह है जो तुम्हें भगवान की ओर ले जाए, और सच्चा भक्त वह है जो बिना दिखावे और स्वार्थ के अपने गुरु के मार्ग पर चले। 

हर सनातनी को एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए। यह व्रत न केवल शरीर को शुद्ध करता है, बल्कि मन और आत्मा को भी निर्मल बनाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, और जो भक्त इस दिन उपवास, नामस्मरण एवं भजन-कीर्तन करता है, उस पर श्रीहरि की विशेष कृपा होती है।

आजकल के बच्चे ही नहीं, बल्कि बुज़ुर्ग भी देर तक सोने की आदत में पड़ गए हैं। लेकिन जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद तक सोता रहता है, वह अपने जीवन की ऊर्जा और भाग्य दोनों को मंद कर देता है।सूर्योदय के समय उठकर प्रभु का स्मरण करना, सूर्यदेव को प्रणाम करना और दिन की शुरुआत भक्ति से करना यही एक ऐसा साधन है जो जीवन को सार्थक बनाता है और हमारे भाग्य को उदय करता है।

जितना हम अपने पेट और संसार के लिए परिश्रम करते हैं, वह सब एक दिन यहीं छूट जाने वाला है। चाहे हमारे पास कितना भी बड़ा मकान हो, कितनी भी महंगी गाड़ी हो, अथवा कितनी भी धन-संपत्ति और जमीन-जायदाद क्यों न हो — अंत में यह सब यहीं रह जाएगा। 

मृत्यु के बाद हमारे साथ केवल भक्ति और धर्म से जुड़े हुए सत्कर्म ही जाएंगे। इसलिए यदि कुछ करना है, तो भगवान का भजन करें, क्योंकि वही एकमात्र साधन है जो जन्म-मरण के पार तक हमारे साथ रहता है।

हमें भगवान को अपना मानकर, अपने मन को उनके चरणों में लगाकर उनकी पूजा-पाठ करनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन का उद्धार होता है, आत्मा को शांति मिलती है, और ईश्वर कृपा से जीवन में सच्चा सुख प्राप्त होता है।

 कार्यक्रम में मुख्य रूप से सर्व शिव प्रकाश गुप्ता (पुन्नी भईया), जयमाला सिंह, प्रभा शकर वर्मा, पूनम पाण्डेय, विपिन बापजेई, डा० यू०पी० सिंह, राम विनय यादव, सतीश गुप्ता, अजय मिश्रा, अनिल श्रीवास्तव, नीरज वर्मा, रानी अवस्थी, वीरेन्द्र गुप्ता, नीलम सेंगर, माया सिंह,  भदौरिया, आभा गुप्ता, मीना शुक्ला, निर्मला त्रिपाठी, किरन तिवारी, अनु सेंगर, चन्द्र प्रभा इत्यादि लोग मौजूद रहे ।

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