हिंदी परिवर्तन, विकास एवं नवनिर्माण की भाषा की भूमिका निभा रही है: नरेश पाल सिंह 

Sep 15, 2025 - 22:12
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हिंदी परिवर्तन, विकास एवं नवनिर्माण की भाषा की भूमिका निभा रही है: नरेश पाल सिंह 


आनंदी मेल ब्यूरो 
प्रयागराज : हिंदी दिवस के उपलक्ष्‍य में उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय में महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह की अध्‍यक्षता में राजभाषा पखवाड़ा समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम एवं क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठक संपन्‍न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने कहा कि हिंदी सदियों से देश की संपर्क भाषा और जनभाषा रही है तथा इस रूप में इसने राष्‍ट्रीय मूल्यों और देश की भावनात्मक एकता को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया है।

हिंदी पूरे देश में आपसी मेलजोल, समन्वय और संवाद से पल्लवित और विकसित हुई है। हिंदी को राजभाषा बनाने की ऐतिहासिक एवं संवैधानिक यात्रा विविधता में एकता की समृद्ध विरासत की जीवंत झाँकी है, जिसमें हिंदीतर भाषी महापुरुषों के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। आज हिंदी परिवर्तन, विकास एवं नवनिर्माण की भाषा की भूमिका निभा रही है। सूचना टेक्नालॉजी के बढ़ते कदमों के कारण मीडिया, मनोरंजन, व्यापार, वाणिज्य जैसे विविध क्षेत्रों के अतिरिक्‍त उन तकनीकी क्षेत्रों में भी हिंदी के प्रगामी प्रयोग की क्षमता और संभावना कई गुना बढ़ गई है, जहाँ पहले निहित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने कहा कि राजभाषा हिंदी से संबंधित जो संवैधानिक एवं कानूनी दायित्व निर्धारित किए गए हैं, उन्हें निष्‍ठापूर्वक पूरा करना हमारा नैतिक और राष्‍ट्रीय कर्तव्य है। उत्‍तर मध्य रेलवे का कार्यक्षेत्र हिंदी भाषा और साहित्य की समृद्ध परंपराओं और साहित्यिक उपलब्धियों के लिए जाना जाता है।

इस क्षेत्र की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत ने पूरे देश के सर्जनात्मक परिवेश को प्रभावित किया है। अतः राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार के लिए हमसे सदैव यही अपेक्षा की जाती है कि हम इस दिशा में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दें। सिंह ने उपस्थित सदस्यों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग, मंडल, कारखाना और कार्यालयों को रेलवे बोर्ड और गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के संपूर्ण अनुपालन के प्रति भी हमेशा सजग एवं सचेष्‍ट रहना चाहिए और राजभाषा अधिनियम के प्रावधान, विशेषतः धारा 3(3), सभी प्रकार के पत्राचार, टिप्पणियाँ, रजिस्टरों में इंदराज, डिक्टेशन, निरीक्षण रिपोर्टों आदि में हिंदी अथवा हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी रूप के प्रयोग में हासिल प्रगति को बनाए रखा जाए और अपेक्षित लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाए।

महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने कहा कि यात्री एवं ग्राहक सेवा हमारा प्रमुख दायित्व है। इसके लिए स्टेशनों, गाड़ियों और जनसंपर्क स्थानों पर ग्राहकों की सुविधाओं से संबंधित सूचनाओं, इलेक्ट्रॉनिक सूचना बोर्डों, नाम-पदनाम बैज, सभी रसीदों और सिस्टमों में यथावश्यक हिंदी और द्विभाषी रूप का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए तथा इनकी उपलब्धता पर लगातार निगरानी रखी जाए। स्टेशनों और रेल परिसरों में हिंदी के सहज, सरल और सही प्रयोग से राजभाषा के प्रति हमारा संकल्प परिलक्षित होता है तथा जनता की भाषा में सर्वोत्‍तम सेवा प्रदान करने वाली अग्रणी रेलवे की हमारी छवि भी सुदृढ़ होती है।

उन्होंने इस बात की सराहना की कि इस वर्ष प्रयागराज महाकुंभ मेला में देश के कोने-कोने से आए यात्रियों के विशाल जनसमूह की सुविधा के लिए प्रयागराज स्थित रेलवे स्टेशनों पर हिंदी के अतिरिक्‍त अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओं में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराकर उत्‍तर मध्य रेलवे ने देश की साझी संस्‍कृति की भावना को साकार किया। बैठक की कार्यवाही के पहले महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने माँ सरस्‍वती के चित्र पर माल्‍यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ किया।

बैठक के प्रारंभ में मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्‍य संरक्षा अधिकारी जे.सी.एस.बोरा ने बैठक में शामिल सभी सदस्‍यों का स्‍वागत करते हुए कहा कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे में राजभाषा के उद्‍देश्‍यों एवं लक्ष्‍यों को पूरा करने के कार्यों को एक अभियान के रूप में लिया गया है तथा अधिकारियों और कर्मचारियों की रचनात्‍मक एवं सहभागी भूमिकाओं को अधिकाधिक महत्‍व दिया जा रहा है।

राजभाषा की उत्‍तरोत्‍तर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्यों के बारे में समिति को अवगत कराते हुए श्री बोरा ने उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय में 15 सितंबर से आयोजित किए जाने वाले राजभाषा पखवाड़ा कार्यक्रमों की विस्‍तृत जानकारी दी। इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह ने 'रेल संगम' पत्रिका के नए अंक राजभाषा विशेषांक का विमोचन किया।    

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