मेकांग-गंगा सहयोग के तहत वियतनाम में क्लासरूम, ग्रीन लाइब्रेरी का उद्घाटन

Oct 1, 2025 - 19:30
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मेकांग-गंगा सहयोग के तहत वियतनाम में क्लासरूम, ग्रीन लाइब्रेरी का उद्घाटन

हनोई : भारत मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) के तहत मेकांग क्षेत्र के देशों में सामुदायिक बुनियादी ढांचे के विकास में लगातार सहयोग कर रहा है। इस कड़ी में अब भारत की आर्थिक सहायता से वियतनाम में तैयार एक क्लासरूम ब्लॉक और ग्रीन लाइब्रेरी परियोजना का उद्घाटन किया गया है। यह भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ को और गहन करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार कर रहा है और वियतनाम एक प्रमुख आसियान सदस्य देश है, जिसके साथ संबंधों को बढ़ाना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

हनोई स्थित भारतीय दूतावास ने 1 अक्टूबर को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा काओ बांग प्रांत के ट्रुंग खान कम्यून के न्गोक चुंग किंडरगार्टन में एक कक्षा-खंड का उद्घाटन किया गया। इसका निर्माण भारत सरकार की मेकांग-गंगा सहयोग त्वरित प्रभाव परियोजना के अंतर्गत किया गया है। यह उद्घाटन दूतावास के आर्थिक एवं विकास भागीदारी परामर्शदाता और काओ बांग के विदेश मामलों के विभाग की उप निदेशक तो थी त्रांग, ट्रुंग खान की पार्टी सेक्रेटरी नोंग थी त्रुओंग और ट्रुंग खान की जन समितियों के अध्यक्ष होन्ह वान तिएन की उपस्थिति में हुआ।

इससे पहले भारतीय दूतावास ने ग्रीन लाइब्रेरी परियोजना के उद्घाटन की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा थाई गुयेन प्रांत के दाई तू जिले के ना माओ कम्यून स्थित वियतनाम भारत प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में मेकांग-गंगा सहयोग त्वरित प्रभाव परियोजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा समर्थित ग्रीन लाइब्रेरी परियोजना का उद्घाटन काउंसलर (आर्थिक एवं विकास भागीदारी) चिनपाऊ नगैथे और थाई गुयेन प्रांत की वित्त उप निदेशक नोंग थी हिएन और फु ज़ुयेन कम्यून के उपाध्यक्ष न्गो मान थो ने किया। वर्ष 1998 से वियतनाम भारत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के साथ हमारे निरंतर सहयोग और जुड़ाव का एक और प्रमाण।

मेकांग-गंगा सहयोग ढांचे के तहत त्वरित प्रभाव परियोजनाएं (क्यूआईपी) भारत और मेकांग क्षेत्र के देशों (कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम) के बीच जमीनी स्तर पर सामुदायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक पहल है। एमजीसी के अंतर्गत सहयोग के प्रमुख क्षेत्र पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और परिवहन एवं संचार हैं, जिनका उद्देश्य अंतर-राज्यीय आवागमन और पारगमन बढ़ाने के साथ ही दोनों क्षेत्रों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करना है।

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