यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में 'दीपावली' शामिल: भारत के लिए गर्व का क्षण
यूनेस्को ने भारत के प्रमुख पर्व दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया, पीएम मोदी ने जताई खुशी।
नई दिल्ली। भारत के प्रमुख और पावन पर्व दीपावली को यूनेस्को (UNESCO) ने अपनी प्रतिष्ठित अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage) की सूची में शामिल कर लिया है। यह निर्णय भारत के लिए एक बड़ा गौरवपूर्ण क्षण है, जो भारतीय परंपराओं के संरक्षण और उनके वैश्विक महत्व को बढ़ाने में सहायक होगा।
यह महत्वपूर्ण घोषणा यूनेस्को की अंतर्राष्ट्रीय समिति की बैठक के दौरान की गई, जो पहली बार भारत की राजधानी नई दिल्ली के लाल किले में 8 से 13 दिसंबर के बीच आयोजित हुई। 10 दिसंबर को यूनेस्को ने दीपावली को आधिकारिक तौर पर इंटेन्जिबिल कल्चरल हेरिटेज (ICH) की सूची में शामिल करने का फैसला लिया।
इस नई उपलब्धि के साथ, भारत की सांस्कृतिक विरासतों की कुल संख्या अब 15 हो गई है, जिनमें कुंभ मेला, दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा, योग, रामलीला और वैदिक मंत्रों का उच्चारण जैसे अमूल्य तत्व पहले से ही शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूनेस्को के इस फैसले पर तत्काल अपनी खुशी व्यक्त की।
पीएम मोदी ने 'एक्स' पर लिखा कि भारत और दुनिया भर के लोग इस फैसले से रोमांचित हैं। उन्होंने कहा, "दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह रोशनी और धार्मिकता का प्रतीक है।" उन्होंने विश्वास जताया कि इस समावेशन से त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता में और भी अधिक वृद्धि होगी।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने भी 'एक्स' पर इसे त्योहार के "अपार सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और लोगों को एक साथ लाने में इसकी भूमिका" की पहचान बताया।
इस बैठक में 150 देशों के 700 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जहां 78 देशों के 67 अमूर्त धरोहर नामांकन प्रस्तावों पर विचार किया गया। भारत ने दीपावली के पक्ष में मजबूत तर्क देते हुए कहा कि यह केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि बुराई पर अच्छाई, शांति और समृद्धि के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।
इस ऐतिहासिक निर्णय का जश्न मनाने के लिए, दिल्ली में 10 दिसंबर की रात एक बार फिर दीपावली जैसा माहौल देखने को मिला। संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा के अनुसार, शहर के सभी प्रमुख ऐतिहासिक और सरकारी भवनों को दीयों और सजावटी लाइट्स से सजाया गया। मुख्य कार्यक्रम लाल किला परिसर में आयोजित किया गया, जबकि चांदनी चौक इलाके को रंगोली, रोशनी और आतिशबाजी से सजाया गया।
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