ग्रामीण पत्रकारों की दशा सुधारने हेतु बड़ा प्रस्ताव: मान्यता, स्वास्थ्य और सुरक्षा की मांग
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को 7-सूत्रीय मांगपत्र सौंपकर तहसील मान्यता, आयुष्मान कार्ड और सुरक्षा की मांग की।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कार्यरत प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश (पंजीकरण संख्या 1153/86) ने प्रदेश सरकार को पत्रकारों के जीवन स्तर और कार्य की कठिन परिस्थितियों में सुधार लाने हेतु एक व्यापक मांगपत्र सौंपा है। संगठन, जिसकी शाखाएँ 18 मंडलों, 75 जनपदों और 551 तहसीलों में सुचारू रूप से कार्यरत हैं, ने ज़मीनी स्तर पर कार्यरत पत्रकारों को सरकार और संस्थानों से आवश्यक सुविधाएँ न मिलने पर चिंता व्यक्त की है।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अत्यंत विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हुए, पत्रकारों के हित में निम्नलिखित सात-सूत्रीय मांगों पर तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है:
💡 प्रमुख माँगें और सुझाव
तहसील स्तरीय मान्यता का संशोधन: सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा दिनांक 19-06-2008 को जारी पत्र संख्या-1484 को संशोधित किया जाए। मांग की गई है कि सभी दैनिक समाचार पत्रों के संवाददाताओं को तहसील स्तर पर मान्यता प्रदान करने हेतु आदेश जारी किए जाएँ।
स्थायी समितियों का गठन: पत्रकार हितों की रक्षा हेतु जिला स्तरीय स्थायी समिति की बैठकें नियमित रूप से सुनिश्चित की जाएँ। इसके अतिरिक्त, मंडल मुख्यालय पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में और तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्थायी समितियों का गठन किया जाए। इन सभी समितियों में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में सम्मिलित किया जाए।
स्वास्थ्य और यात्रा सुविधा: ग्रामीण पत्रकारों को स्वास्थ्य सुरक्षा कवच प्रदान करने हेतु आयुष्मान कार्ड की सुविधा दी जाए, साथ ही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाए।
राज्य स्तरीय प्रतिनिधित्व: प्रदेश स्तर पर गठित होने वाली पत्रकार मान्यता समिति और विज्ञापन मान्यता समिति में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के दो प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में सम्मिलित किया जाए।
कार्यालय भवन: संगठन के कार्यों के सुचारू संचालन हेतु उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दारुलशफा में निःशुल्क भवन उपलब्ध कराया जाए।
ग्रामीण पत्रकार आयोग का गठन: ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं का गहन अध्ययन और स्थायी समाधान सुनिश्चित करने हेतु एक ग्रामीण पत्रकार आयोग का गठन किया जाए।
सुरक्षा और निष्पक्ष जांच: पत्रकारिता के दायित्व निर्वहन के दौरान उत्पन्न होने वाले विवादों के प्रकरण में, पत्रकारों के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने से पूर्व किसी सक्षम राजपत्रित अधिकारी से अनिवार्य रूप से जांच कराए जाने का आदेश निर्गत किया जाए।
एसोसिएशन ने विश्वास व्यक्त किया है कि उक्त बिन्दुओं पर सम्यक विचारोंपरांत आवश्यक कार्रवाई होने से ग्रामीण पत्रकारों के जीवन स्तर और उनके कार्य करने की परिस्थितियों में महत्वपूर्ण सुधार आएगा।
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