बारा तहसील के किसानों को मिली नई उम्मीद: सिंचाई सुधार के लिए समाजसेवी और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की पहल

सिंचाई के स्थायी समाधान के लिए दो महत्वपूर्ण सुझाव
दिनेश तिवारी ने बताया कि तहसील बारा के नारीबारी और शंकरगढ़ जैसे क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण किसान लंबे समय से परेशान हैं। उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने दो प्रमुख समाधान सुझाए हैं।
पहला सुझाव: टोंस नहर प्रखंड के ग्राम सीधटिकट में 50 क्यूसेक क्षमता का एक नया पंप स्थापित किया जाए। इस पंप के माध्यम से पानी को बाघला नहर प्रखंड की नहर से जोड़ा जा सकता है, जिससे नारीबारी का पूरा क्षेत्र सिंचित हो पाएगा। यह कदम इन इलाकों में खेती के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
दूसरा सुझाव: पंडुआ और भोंडी पंप हाउस के नवीनीकरण के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत ₹35 करोड़ की राशि का सदुपयोग किया जाए। इस राशि से पंपों की क्षमता को वर्तमान 60 क्यूसेक से बढ़ाकर 65 से 70 क्यूसेक किया जाए। क्षमता में यह वृद्धि सिंचाई की समस्या का एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान प्रदान करेगी।
जन-जागरूकता और जन-आंदोलन की तैयारी
इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्यापक जन-जागरूकता के लिए गांव-गांव में जनचौपाल का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में शिवराजपुर में आयोजित जनचौपाल में स्थानीय लोगों और किसानों ने इस पहल का खुलकर समर्थन किया। किसानों का मानना है कि योगी सरकार के नेतृत्व में उनके खेतों तक पानी अवश्य पहुंचेगा, जिससे उनकी फसल उत्पादकता और आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, समाजसेवी दिनेश तिवारी सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ इस विषय पर लगातार चर्चा कर रहे हैं। इस पहल को और गति देने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के पूरा होने के बाद, किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री को एक प्रार्थना पत्र सौंपेगा, जिसमें इन सुझावों को लागू करने की मांग की जाएगी।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का समर्थन और सरकार से अपील
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में दिनेश तिवारी नें बताया कि तहसील बारा में तीन प्रमुख सिंचाई साधन हैं: बाघला नहर प्रखंड, टोंस नहर प्रखंड और लघु डाल सिंचाई प्रणाली। हालांकि, पिछले 10-12 वर्षों से पंडुआ और भोंडी पंप हाउसों की क्षमता में गिरावट आई है, जिसके कारण नारीबारी, बराडीह और लोहरा जैसे क्षेत्रों में समय पर पानी नहीं पहुंच पाता। पाण्डेय को दिनेश तिवारी नें अपने पत्र में यह भी बताया कि गर्मियों में यमुना नदी का जलस्तर कम हो जाता है, जिससे पंडुआ पंप हाउस पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाता, जबकि टोंस नदी का जलस्तर जल विद्युत परियोजनाओं के कारण स्थिर बना रहता है। इसलिए, टोंस नहर से 50 क्यूसेक पानी बाघला नहर में जोड़ने का सुझाव अत्यंत प्रासंगिक है। पत्र में यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि जिलाधिकारी प्रयागराज की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए,और इस परियोजना की विस्तृत योजना के डीपीआर तैयार करने के लिए प्रमुख अभियंता अनुसंधान एवं नियोजन को निर्देशित करें। टोंस नहर से पानी जोड़ने और पंपों के नवीनीकरण से नारीबारी और शंकरगढ़ के 40% असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई संभव हो सकेगी।
किसानों में जगी नई उम्मीद
इस सामूहिक पहल ने बारा तहसील के किसानों के बीच एक नई उम्मीद जगाई है। यह प्रयास न केवल उनकी फसल उत्पादकता को बढ़ाएगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा। समाजसेवी दिनेश तिवारी और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की यह पहल किसानों के संघर्ष को एक संगठित और प्रभावी रूप दे रही है, और अब सभी को योगी सरकार से इस दिशा में शीघ्र और ठोस कदम उठाने की अपेक्षा है।
इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा, महासचिव अखिलेश शर्मा, पूर्व सयुंक्त सचिव संतोष पाण्डेय, अधिवक्ता प्रवीण पटेल, अभय राज सिंह,अमित जौनपुरी आदि अधिवक्ता उपस्थित रहें।
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