कानपुर में 'शरणागती' से तनाव मुक्ति का संदेश, एस.बी. के. भईया ने किया मार्गदर्शन

कानपुर में बृजेश क्षमा मिशन द्वारा आयोजित सत्संग में एस.बी. के. भईया ने परोपकार और शरणागती के महत्व पर बल दिया।

Dec 14, 2025 - 17:28
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कानपुर में 'शरणागती' से तनाव मुक्ति का संदेश, एस.बी. के. भईया ने किया मार्गदर्शन

कानपुर संवाददाता

कानपुर: श्री राम वाटिका, नौबस्ता में रविवार को बृजेश क्षमा मिशन द्वारा एक विशेष आध्यात्मिक सत्संग, सरस्वती पूजन और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और आध्यात्मिक शिक्षक श्री एस.बी. के. भईया ने तनाव मुक्ति और अखण्ड शांति के लिए शरणागती को सर्वोत्तम मार्ग बताया।

उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई 'बिनु सत्संग विवेक न होई, हरि कृपा बिनु सुलभ न सोई' का दर्शन कराते हुए समाज को संदेश दिया। भईया जी ने कहा कि जीवन को जानने का अर्थ है दूसरों के लिए कष्ट सहन और त्याग को धर्म बनाना। उन्होंने रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद जैसे महान आध्यात्मिक आदर्शों का स्मरण किया।

श्री एस.बी. के. भईया ने परोपकार की भावना पर ज़ोर देते हुए कहा, "मैं अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हूँ। अपने वो हैं जो गरीब और वंचित हैं।" उन्होंने स्वामी विवेकानंद के बोधवाक्य को दोहराया कि जिसका हृदय गरीबों के लिए रोता है, वही महात्मा है। उन्होंने कहा कि परोपकार से बढ़कर कोई उत्तम कर्म नहीं है, और यही भावना मनुष्य को मनुष्य बनाती है। अभावग्रस्त व्यक्ति की निस्वार्थ सेवा से प्राप्त संतुष्टि जीव आत्मा का विस्तार करती है।

उन्होंने बताया कि मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है और मानव शरीर के मुख्य द्वार जिह्वा पर राम नाम रखकर संसार सागर से पार पाया जा सकता है। सत्संग के समापन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बृजेश तिवारी, पंकज तिवारी, हिमांशू ओमर, गीता सिंह, जया मिश्रा, सुधाकर पाण्डे सहित बड़ी संख्या में गणमान्य भक्त उपस्थित रहे।

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