'बर्ड मैन ऑफ बरेली' का अभियान: बेघर पक्षियों को मिल रहे घरौंदे, स्कूली बच्चे भी बनेंगे सारथी
'बर्ड मैन' अंकित यादव पक्षियों को बचाने के लिए घरौंदे बांट रहे हैं, अब यह अभियान स्कूलों में भी चलेगा।

जागरूक युवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष अंकित यादव का यह प्रयास शहरी क्षेत्रों में पेड़ों की कमी के कारण बेघर हुए पक्षियों के लिए एक जीवनरेखा साबित हो रहा है। उनका कहना है कि शहरीकरण के नाम पर बड़े-बड़े पेड़ों को काट दिया गया है, जिससे पक्षियों को घोंसला बनाने के लिए जगह नहीं मिल पाती। इसी समस्या को देखते हुए उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया।
अंकित बताते हैं कि इस अभियान की प्रेरणा उन्हें एक दिन स्टेडियम रोड पर मिली। वह और उनके दोस्त वहां बैठे थे, जब उन्होंने देखा कि एक बड़ा पेड़ काटा जा रहा था और उसके चारों ओर कई पक्षी उड़ रहे थे, मानो अपना घर खोने का दुख मना रहे हों। उसी क्षण उन्होंने फैसला किया कि वे पक्षियों को आश्रय देने के लिए कुछ करेंगे।
तब से, अंकित और उनकी टीम गली-मोहल्लों में घूम-घूम कर लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी बालकनियों और बरामदों में इन घरौंदों को लगाएं। इस अभियान की सबसे सुखद बात यह है कि कई लोगों ने बाद में तस्वीरें भेजकर बताया कि उनके लगाए गए घरौंदों में पक्षी रहने लगे हैं, उन्होंने अंडे भी दिए हैं, और नन्हे-मुन्ने पक्षियों ने जन्म भी लिया है। यह एक छोटी सी पहल से बड़ा बदलाव लाने का प्रमाण है।
अंकित यादव अब अपने इस अभियान को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी में हैं। वह बताते हैं कि अब वे स्कूलों में जाकर बच्चों को मुफ्त घरौंदे देंगे और उन्हें पक्षी संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे। उनका मानना है कि बच्चों को इस अभियान से जोड़ने से यह प्रयास और भी सफल होगा, क्योंकि वे न केवल खुद इन घरौंदों का ध्यान रखेंगे, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।
'बर्ड मैन' अंकित यादव का यह अभियान सिर्फ घरौंदे बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उनका काम यह दिखाता है कि समाज में एक व्यक्ति की छोटी सी पहल भी बड़े बदलाव का कारण बन सकती है। यह अभियान अन्य शहरों और युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है कि कैसे वे अपने आसपास के पर्यावरण को बेहतर बनाने में योगदान दे सकते हैं।
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