IFFCO ने किसानों को दिए स्मार्ट खेती के मंत्र, रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल पर जताई चिंता

प्रयागराज में कोरडेट की बैठक, इफको के नए स्मार्ट उर्वरकों पर चर्चा और किसानों को प्रशिक्षण।

Sep 1, 2025 - 23:03
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IFFCO ने किसानों को दिए स्मार्ट खेती के मंत्र, रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल पर जताई चिंता

प्रयागराज: भारतीय किसानों के सशक्तिकरण और कृषि के सतत विकास पर केंद्रित, कोरडेट फूलपुर की 90वीं प्रबंध समिति की बैठक एक महत्वपूर्ण चर्चा का केंद्र रही। बैठक में सदस्यों ने कोरडेट की प्रगति की समीक्षा की और भारतीय कृषि में नवाचारों को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। इसके तुरंत बाद, जनपद सीतापुर और लखीमपुर खीरी से आए 55 किसानों के लिए एक विशेष चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया, जिसका उद्देश्य उन्हें आधुनिक और टिकाऊ कृषि तकनीकों से परिचित कराना था।

प्रबंध समिति के अध्यक्ष वाल्मीकि त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में, उन्होंने भारतीय किसानों की लगन और मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें 'अन्नदाता' की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि इफको, जो स्वयं किसानों की संस्था है, पर किसानों का अटूट विश्वास है। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके कारण न केवल मिट्टी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, बल्कि मानव और पशुओं में भी विभिन्न रोग बढ़ रहे हैं। उन्होंने किसानों से संतुलित मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग करने की अपील की। त्रिपाठी ने पशुपालन को खेती से जोड़ने पर जोर देते हुए एक पुरानी कहावत दोहराई, "गोबर मैला नीम खली, इनसे खेती दूनी फली," जो जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करती है।

इस अवसर पर, कोरडेट के सचिव और उत्तर प्रदेश इफको राज्य विपणन प्रबंधक यतेंद्र कुमार तेवतिया ने किसानों को इफको के नए स्मार्ट उर्वरकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी, नैनो कॉपर और नैनो जिंक के उपयोग और लाभों के बारे में बताया, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है और फसल की पैदावार बढ़ती है।

कार्यक्रम में उपस्थित जेडीए प्रयागराज मंडल की श्रीमती शिप्रा ने किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल की "भेड़चाल" से बचें और उर्वरक खरीदते समय सावधानी बरतें। उन्होंने किसानों को अपने आधार और खतौनी का सत्यापन करते समय सतर्क रहने और केवल उतनी ही खाद लेने की सलाह दी जितनी की आवश्यकता हो। शिप्रा ने भारतीय कृषि में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान पर भी प्रकाश डाला और उन्हें शिक्षित और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

वरिष्ठ सदस्य भारत त्रिपाठी ने किसानों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाने और प्राप्त ज्ञान को अपने समुदाय के अन्य किसानों तक पहुंचाने का आग्रह किया। तकनीकी सत्रों में, कोरडेट मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. हरिश्चंद्र ने मृदा परीक्षण के महत्व और संतुलित उर्वरक प्रबंधन पर गहन जानकारी दी। इफको प्रयागराज के अधिकारी अक्षय पांडे ने भी इफको के विभिन्न उपयोगी उत्पादों के बारे में बताया।

इस महत्वपूर्ण आयोजन में प्रबंध समिति के सदस्य आरपी सिंह बघेल, अभय चौधरी, पद्मश्री रामशरण वर्मा, राज दत्त पांडे, इफको फूलपुर इकाई के प्रमुख संजय कुदेशिया, और कोरडेट के प्रधानाचार्य डॉ. डीके सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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