आरसीएम की 'रूपांतरण यात्रा' सुल्तानपुर में सफल, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के लिए 20,000+ नए नवोद्यमी जुड़े
आरसीएम की 'रूपांतरण यात्रा' ने सुल्तानपुर में लाखों लोगों को स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार के लिए प्रेरित किया।
सुल्तानपुर : आरसीएम (RCM) की महत्वाकांक्षी राष्ट्रव्यापी 'रूपांतरण यात्रा' अपनी जन-आधारित विकास और सामाजिक जागरूकता की पहल के साथ सुल्तानपुर पहुंची, जहां इसे जबरदस्त जनसमर्थन मिला। यात्रा के नवीनतम पड़ाव सुल्तानपुर में, हजारों नागरिकों ने स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार के तीन मूल स्तंभों पर आधारित विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह पहल एक बड़ी सफलता साबित हुई।
कंपनी की रूपांतरण यात्रा, जिसका शुभारंभ 16 सितंबर 2025 को हुआ था, अब तक 20 से अधिक शहरों का दौरा कर चुकी है और इस दौरान लाखों लोगों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित हुई है। इस यात्रा के माध्यम से अब तक 20,000 से अधिक नए लोग आरसीएम परिवार से जुड़ चुके हैं, जिससे कंपनी के दो मिलियन से अधिक सक्रिय एसोसिएट बायर्स के मजबूत नेटवर्क को और अधिक बल मिला है।
सुल्तानपुर में आयोजित कार्यक्रम में युवाओं, महिलाओं और परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत RCM प्राणगीत और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले योग सत्र के साथ हुई। प्रमुख गतिविधियों में विशेष रक्तदान शिविर शामिल था, जिसमें लोगों की भारी भागीदारी देखी गई। इस यात्रा के दौरान अब तक 2,000 से अधिक दाताओं का आंकड़ा पार हो चुका है।
प्रतिभागियों ने स्वस्थ जीवनशैली, जैसे चावल की भूसी के तेल (Rice Bran Oil) के स्वास्थ्य लाभों, और आत्मनिर्भरता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। लोगों का उत्साह यह दर्शाता है कि वे केवल दर्शक बनने के बजाय, निःस्वार्थ योगदान देने के लिए आगे आए हैं।
आरसीएम के इस विस्तार को सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों पर लोगों के बढ़ते विश्वास और महिलाओं, युवाओं एवं नवोद्यमियों को स्थायी स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में कंपनी के प्रयासों का प्रमाण माना जा रहा है।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित हाल ही में लॉन्च हुई पुस्तक “मनसा वाचा कर्मणा - एक कर्मयोगी की जीवनी” रही।
कार्यक्रम का समापन एक प्रभावी जागरूकता रैली के साथ हुआ, जिसने पूरे सुल्तानपुर में सेवा, स्वास्थ्य और संस्कार का संदेश फैलाया। लाखों लोगों की भागीदारी को देखते हुए, यह अनुमान है कि 75 शहरों की यह यात्रा अपने समापन (23 दिसंबर 2025) तक लगभग एक मिलियन (10 लाख) लोगों तक पहुँच जाएगी। उत्तर प्रदेश ने हमेशा आरसीएम की पहलों के प्रति मजबूत जुड़ाव दिखाया है, जो यहां के लोगों की सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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