लखनऊ में हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव: नृत्यों और गीतों का मनमोहक प्रदर्शन
लखनऊ में हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में शास्त्रीय व लोक नृत्यों का अद्भुत प्रदर्शन हुआ।
लखनऊ : लखनऊ के स्मृति उपवन में माँ गायत्री जन सेवा संस्थान एवं नीशू वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रही। 4 दिसंबर 2025 को आयोजित इस संध्या का शुभारंभ आयोजक अरुण प्रताप सिंह, गुंजन वर्मा, रनवीर सिंह और हेमू चौरसिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत अनिता चंडोक समूह की गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद हरलीन, वैष्णवी, आयशा, अंतरा और आर्वी ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नृत्य मंथन स्कूल ऑफ डाँस के फाउंडर अंकिता बाजपेयी के संयोजन में प्रस्तुत नृत्य-निर्देशन रहा। आस्था, आराध्या और मनस्वीदेवा ने 'श्री गणेशा...' पर नृत्य कर सबका मन मोह लिया। वहीं, पंजाबी डांस और घूमर नृत्य के अद्भुत संगम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजविका, विवान, वशिष्ठ, और अर्थव ने पंजाबी डांस की ऊर्जा दिखाई, जबकि आराध्या, मनस्वी और आस्था ने घूमर की खूबसूरती पेश की। आराध्या वर्मा द्वारा प्रस्तुत कथक फ्यूजन (सोलो डांस) भी सराहा गया।
इसके अलावा, सुर झंकार संगीत विद्यालय, आशियाना की गुंजन और शैफाली गुप्ता के संयुक्त निर्देशन में 'मोह मोह के धागे...', 'कौन दिशा में लेके चला...' जैसे गीतों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को आनंदित किया। हर्षाली ने भोजपुरी गाने और 'घर मोरे परदेशिया...' पर डांस कर खूब तालियाँ बटोरीं।
कार्यक्रम का समापन सुर ताल संगम के गीतों से हुआ, जिसमें डॉ. जया श्रीवास्तव, माया टुन्नु, डॉ. राका सिन्हा, हिमांशु वर्मा, किरण सोनी, हेमंत खंडेलवाल, सुशील सिंह राठौड़ और युविका पांडे ने अपनी प्रस्तुति दी। खासकर, उनकी संयुक्त प्रस्तुति "छाप तिलक सब छीनी..." ने पूरे समां को बांध दिया।
महोत्सव समिति के मोनालिसा, रोली जयसवाल व मनोज सिंह चौहान, विवेक सिंह की उपस्थिति में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मंच का संचालन विजय गुप्ता ने किया।
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