रायबरेली में एड्स नियंत्रण पर महत्वपूर्ण पहल: उच्च जोखिम समूहों की गणना के लिए बैठक

रायबरेली में एचआईवी/एड्स नियंत्रण हेतु उच्च जोखिम समूहों की गणना के लिए सामुदायिक सलाहकार समिति की पहली बैठक संपन्न हुई।

Aug 19, 2025 - 21:59
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रायबरेली में एड्स नियंत्रण पर महत्वपूर्ण पहल: उच्च जोखिम समूहों की गणना के लिए बैठक

रायबरेली : एचआईवी/एड्स से सुरक्षा और बचाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रायबरेली में टी.सी.आई. फाउन्डेशन और जिला क्षय रोग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक लक्षित हस्तक्षेप परियोजना के अंतर्गत सामुदायिक सलाहकार समिति (CAB) की पहली बैठक थी, जिसका उद्देश्य उच्च जोखिम वाले समूहों (High-Risk Groups) और उनके ग्राहकों की गणना कर जोखिम का आकलन करना है।

जिला चिकित्सालय रायबरेली के टेलीमेडीसिन सेंटर में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता उप जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. रिजवान ने की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चन्द्रा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनुपम शौर्य, आईसीटीसी, पीपीटीसीटी, एसटीआई के परामर्शदाता, एआरटी सेंटर के चिकित्साधिकारी, नोडल अधिकारी तथा टीसीआई फाउन्डेशन की कार्यक्रम प्रबंधक तमन्ना आफरीन सहित अन्य पदाधिकारी और हितधारक उपस्थित थे।

इस पहल को उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी, लखनऊ के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य जनपद में पीएमपीएसई (People at Most Prevalent Sexually Exchanged) के तहत आने वाले उच्च जोखिम समूहों जैसे यौनकर्मियों और उनके ग्राहकों का सटीक अनुमान लगाना है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इस गणना के माध्यम से इन समूहों की प्रोफाइल को समझना और उनके लिए प्रभावी हस्तक्षेप कार्यक्रम तैयार करना संभव होगा।

बैठक में पीएमपीएसई के तहत किए जाने वाले विभिन्न कार्यों पर विस्तार से चर्चा हुई। सदस्यों को परियोजना के उद्देश्यों, कार्यप्रणाली और आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया गया। विशेष रूप से, विभिन्न प्रकार के डेटा संग्रह प्रपत्रों और उनके उपयोग के तरीकों पर भी चर्चा की गई ताकि परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके। इस दौरान, परियोजना के क्रियान्वयन में आने वाली संभावित समस्याओं के समाधान पर भी विचार-विमर्श किया गया, ताकि जमीनी स्तर पर कार्य में कोई बाधा न आए।

यह बैठक रायबरेली में एचआईवी/एड्स के प्रसार को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। उच्च जोखिम समूहों की सटीक जानकारी होने से लक्षित हस्तक्षेप कार्यक्रम और भी प्रभावी बन सकेंगे। बैठक का समापन सभी उपस्थित सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित कर किया गया, जिसमें इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा की गई।

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