हजरत मौलाना शाह सिकंदर अली की दरगाह पर उमड़ा जायरीनों का जनसैलाब

आनंदी मेल ब्यूरो
प्रयागराज : जनपद से 25 किलोमीटर दूर फूलपुर तहसील क्षेत्र के चक अब्दुल करीम उर्फ पूरे भुलई गांव में लगने वाले तीन दिवसीय सालाना उर्स के मेले में लगे झूले सर्कस व खिलौनों की दुकानें बच्चों के आकर्षक का केंद्र रहे। महिलाएं जहां अपने गृहस्थी के सामानों को खरीदने में मशगूल रही वहीं भुलई शाह बाबा व सूफी संत चिश्ती हजरत मौलाना सैयद शाह सिकन्दर अली रहमतुल्लाह अलैह के 151वां सालाना उर्स में अकीदतमंदों ने चादर चढ़ा अपनी मन्नतें मांगी।
रविवार सुबह से ही सूफी-संत चिश्ती हजरत मौलाना सैयद शाह सिकन्दर अली रहमतुल्लाह अलय की दरगाह में मिन्नतो की मांग गूंजने लगी। मन्नतों की पोटली लिए देश के मध्य प्रदेश, बिहार,दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड , छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के अन्य कोने से बाबा के मुरीद जायरिनों व उनके चाहने वालों की आमद शुरू हो गई है। दरगाह को झिलमिल रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया हैं। दरगाह के सज्जादानशीन सैय्यद हाफ़िज़ सदरूल हसन की देखरेख में रात के बारह बजे चादरपोशी गागर का कार्यक्रम आयोजित किया गया। बता दे कि यह मेला प्रतिवर्ष बरावफात के दूसरे दिन से आयोजित होता है। मेले में जहां बच्चों के खिलौने बिक रहे थे वही झूले सर्कस बच्चों महिलाओं को अपनी ओर लुभा रहे थे, मेले में तरह-तरह के पकवान की दुकान बच्चों को अपनी ओर बरबस आकर्षित कर रही थी वहीं महिलाएं अपने गृहस्थी की सामग्री खरीदने में मसगूल रही।
डेढ़ सौ वर्षो से लग रहे ऐतिहासिक मेले में जहां क्षेत्र के अकीदतमंदों के साथ ही अन्य प्रदेशों से लोग आते हैं वहीं स्थानीय प्रशासन के द्वारा शौचालय, पीने का पानी, एम्बुलेंस की मुकम्मल ब्यवस्था न होने से हजारों की संख्या में आए अकीदतमंदों के लिए हर साल परेशानी का सबब बना हुआ है। मेले में सुरक्षा ब्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों के अतिरिक्त अन्य ब्यवस्थाओ का अभाव होना शासन प्रसाशन की उम्दा ब्यवस्था की कलई खोलता है। सूफी संत के डेढ़ सौ वर्षो से लग रहे सालाना उर्स मेले को राज्य सरकार मेला प्राधिकरण का गठन कर समुचित व सुलभ व्यवस्थाएं उपलब्ध करायें।ग्रामीणों ने लंगर चला मेले में आए जरूरतमंदों को भोजन कराया।
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