फिजियोथेरेपी की आधुनिक तकनीकों पर विशेष कार्यशाला का सफल आयोजन
कानपुर में राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस से पहले फिजियोथेरेपी कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने पैरालिसिस, महिला स्वास्थ्य और क्रैनियो-सेक्रल थेरेपी पर जानकारी दी।

(आनंदी मेल संवाददाता)
कानपुर : चिकित्सा जगत में ज्ञान और कौशल को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कानपुर फिजियोथैरेपिस्ट संगठन ने आगामी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस से पहले साकेत नगर के एक होटल में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने नवीनतम तकनीकों और उपचार पद्धतियों पर गहन जानकारी साझा की, जिससे स्थानीय फिजियोथैरेपिस्टों और छात्रों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
यह वर्कशॉप मुख्य रूप से तीन महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषयों पर केंद्रित थी, जिनका उद्देश्य प्रतिभागियों को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जोड़ना था। पहले सत्र में पैरालिसिस (लकवा) प्रबंधन पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने स्ट्रोक और लकवा से प्रभावित मरीजों के लिए नवीनतम थेराप्यूटिक तकनीकों की जानकारी दी। इसमें फंक्शनल रिकवरी को बढ़ाने हेतु एक्टिव-पैसिव एक्सरसाइज, न्यूरो-डेवलपमेंटल ट्रीटमेंट और रोबोटिक असिस्टेड थेरेपी जैसे आधुनिक उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई, जो पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
दूसरे सत्र में पेल्विक फ्लोर रिहेबिलिटेशन और महिला स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर अक्सर कम ध्यान दिया जाता है, लेकिन इसकी महत्ता बहुत अधिक है। विशेषज्ञों ने यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस, प्रसव के बाद की रिकवरी और पेल्विक पेन जैसी समस्याओं के लिए फिजियोथैरेपी की तकनीकों पर प्रकाश डाला। इस सत्र में बायोफीडबैक ट्रेनिंग, स्ट्रेचिंग और मांसपेशियों को मजबूत करने वाले अभ्यासों पर लाइव डेमो भी प्रस्तुत किए गए, जो प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुए।
तीसरा और अंतिम सत्र क्रेनियो-सेक्रल थेरेपी पर आधारित था, जो नर्वस सिस्टम और रीढ़ की हड्डी पर काम करने वाली एक विशेष और सूक्ष्म तकनीक है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह थेरेपी न केवल दर्द प्रबंधन में प्रभावी है, बल्कि तनाव कम करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी सहायक है। इस सत्र ने प्रतिभागियों को फिजियोथेरेपी के दायरे को पारंपरिक उपचार से आगे बढ़कर समग्र स्वास्थ्य की ओर ले जाने का एक नया दृष्टिकोण दिया।
कार्यशाला में डॉ. के. पर्सन (बेंगलुरु), डॉ. सुनीता पटेल (गुजरात) और डॉ. प्रभात रंजन (एम्स, नई दिल्ली) जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और शोध के आधार पर प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने नवीनतम शोध-आधारित साक्ष्यों से जोड़ते हुए आधुनिक फिजियोथेरेपी की प्रासंगिकता पर जोर दिया।
इस सफल आयोजन का शुभारंभ महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ. बेबी रानी अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला का सफल नेतृत्व कानपुर फिजियोथैरेपिस्ट संगठन के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार पांडे और सेक्रेटरी डॉ. राज पांडे ने किया। संगठन के सदस्यों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इस आयोजन को भव्यता प्रदान की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि कानपुर फिजियोथैरेपी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है।
What's Your Reaction?






