जहांगीरगंज में डीएम की औचक जाँच, स्वास्थ्य और विकास कार्यों में मिली खामियां
अम्बेडकरनगर के डीएम ने जहांगीरगंज सीएचसी और विकासखंड का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं और विकास कार्यों की समीक्षा की।

अम्बेडकरनगर :जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने बुधवार को जहांगीरगंज ब्लॉक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और विकासखंड कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं और विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में कई खामियां पाईं, जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
सबसे पहले जिलाधिकारी ने सीएचसी जहांगीरगंज का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की कमी पर नाराजगी जताई और भवन की रंगाई-पुताई तथा वॉल पेंटिंग कराने के निर्देश दिए। स्टॉक रजिस्टर की जाँच के दौरान, फार्मासिस्ट द्वारा संतोषजनक जानकारी न दिए जाने पर जिलाधिकारी ने उनका वेतन रोकने का आदेश दिया। यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही के प्रति प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है।
डीएम ने टीकाकरण अभियान की धीमी गति पर भी चिंता व्यक्त की और इसे तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस) सत्र आयोजित कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। इसके साथ ही, आयुष्मान कार्ड बनाने के काम को भी प्राथमिकता पर पूरा करने के लिए कहा गया, ताकि पात्र लाभार्थियों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने खराब पड़े उपकरणों को तुरंत बदलने और स्वास्थ्यकर्मियों की शिकायतों को भी तुरंत सुनने के निर्देश चिकित्सा अधीक्षक को दिए।
सीएचसी के बाद, जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने विकासखंड जहांगीरगंज में मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कई प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिसमें फैमिली आईडी, आयुष्मान कार्ड, डिजिटल क्रॉप सर्वे, मनरेगा, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास, और जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं शामिल थीं।
समीक्षा के दौरान, योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती पाए जाने पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को फटकार लगाई और कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक समय पर पहुँचना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने जहांगीरगंज ब्लॉक परिसर का भी जायजा लिया। उन्होंने वहाँ की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और जल निकासी की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया। परिसर में साफ-सफाई और रंगाई-पुताई के अलावा, उन्होंने फाइलों के उचित रखरखाव और समय पर निस्तारण पर भी जोर दिया।
इस दौरान, पंचायत सचिव, नरवा पितांबरपुर को उनके गाँव के पंचायत भवन में बिजली आपूर्ति और सोलर पैनल न लगवाने के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश दिया गया, जो सरकारी निर्देशों की अनदेखी करने पर सख्त कार्रवाई का एक उदाहरण है।
साथ ही, जिलाधिकारी ने स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने पर बल दिया। उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित किया कि वे बर्तन एवं टेंट हाउस जैसे व्यावसायिक उद्यम शुरू करें, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। दिव्यांगजनों के लिए प्रमाण पत्र वितरण शिविरों को बेहतर ढंग से आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए ताकि कोई भी दिव्यांग व्यक्ति इस सुविधा से वंचित न रहे।
कुल मिलाकर, जिलाधिकारी का यह निरीक्षण यह दिखाता है कि प्रशासन जहांगीरगंज में स्वास्थ्य सेवाओं और विकास कार्यों को लेकर गंभीर है और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। इस तरह की औचक जाँच से सरकारी विभागों में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।
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