कटेहरी सीएचसी में हाहाकार: डेंगू और टाइफाइड जांच किट की कमी से मरीज बेहाल

अंबेडकरनगर के कटेहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू और टाइफाइड जांच किट की कमी से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Aug 19, 2025 - 22:13
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कटेहरी सीएचसी में हाहाकार: डेंगू और टाइफाइड जांच किट की कमी से मरीज बेहाल
डेंगू और टाइफाइड जांच किट की कमी से मरीज बेहाल

अंबेडकरनगर। अंबेडकरनगर जिले के कटेहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप और अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, दोनों ही सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां सर्दी-जुकाम और तेज बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में डेंगू और टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों की जांच किट नदारद हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सोमवार को छुट्टी के बाद जैसे ही अस्पताल खुला, मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लंबी कतारों में खड़े इन मरीजों को जब पता चला कि यहां डेंगू और टाइफाइड की जांच नहीं हो सकती, तो उन्हें निराशा हाथ लगी। मरीजों ने बताया कि डॉक्टर भले ही मलेरिया, टाइफाइड और डेंगू की जांच कराने की सलाह देते हैं, लेकिन पिछले 15-20 दिनों से अस्पताल में जांच किट उपलब्ध नहीं हैं।

इस स्थिति से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और जरूरतमंद मरीजों को हो रही है। सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज की उम्मीद लेकर आए इन मरीजों को अब मजबूरी में निजी पैथोलॉजी लैब का रुख करना पड़ रहा है, जहां उन्हें महंगी जांचों के लिए भारी-भरकम राशि चुकानी पड़ती है। मरीजों का कहना है कि यह उनके साथ अन्याय है, क्योंकि सरकारी अस्पताल होने के बावजूद उन्हें बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।

इस मामले की जानकारी मिलने पर स्थानीय जिला पंचायत सदस्य पवन सिंह पिंटू ने अस्पताल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल की इस कमी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "जब अस्पतालों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, तब भी जांच किट जैसी बुनियादी सुविधा का न होना बेहद शर्मनाक है। यह सीधे-सीधे गरीब मरीजों के साथ नाइंसाफी है।"

इस गंभीर स्थिति पर, सीएचसी प्रभारी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को जांच किट की कमी के बारे में सूचित कर दिया है और किट की मांग भी भेजी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही किट उपलब्ध हो जाएंगी, टाइफाइड और डेंगू की जांच तुरंत शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, मरीजों को यह आश्वासन पर्याप्त नहीं लग रहा, क्योंकि उन्हें अभी भी निजी लैब पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है।

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