नवीं की रात से कर्बला तक: आस्था के कारवां ने निभाई हुसैनी रस्म
प्रयागराज फूलपुर में नवीं की रात निकले ताजिये दसवीं को कर्बला में फूलों संग सुपुर्दे-ख़ाक किए गए

आनंदी मेल ब्यूरो,
प्रयागराज (फूलपुर) : मोहर्रम की नवीं रात से शुरू हुआ हुसैनी जुलूस दसवीं मोहर्रम को अपने रूहानी मकसद की तरफ बढ़ते हुए कर्बला पहुंचा, जहां हज़ारों अकीदतमंदों ने ताजिया के फूलों को सुपुर्दे-खाक कर हुसैन की शहादत को खिराजे-अकीदत पेश किया।
नगर पंचायत क्षेत्र के इमाम चौकों पर रखे गए ताजियों को नवीं मोहर्रम की रात जुलूस की शक्ल में निकाला गया, जो कस्बे के तमाम मोहल्लों का गश्त करता हुआ दसवीं को कर्बला पहुंचा। जुलूस के दौरान नौहा-ख्वानी और मातम की सदाएं माहौल को गमगीन बना रही थीं।
अकीदत और एकजुटता की मिसाल बनीं ये रूहानी तस्वीरें
ग्रामीण अंचलों से निकले ताजिये—कनौजा खुर्द, बाबूगंज बाजार, जाफरपुर कटरा, शेखई का पूरा, चिरौरी और चिरौड़ा से होते हुए नरई गांव पहुंचे। यहां पर हर गांव का ताजिया एक साथ पूरे गांव में घुमाया गया और फिर कर्बला पहुंचकर फूल निकालकर सुपुर्दे-खाक किए गए।
इस मौके पर मोहम्मद मोबीन हाशमी, मोहम्मद सैफ़ हाशमी, सुम्बुल, मोहम्मद असलम अंसारी समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। कोड़ापुर, भंभई और दीवानगंज के कर्बला में भी लोगों ने यही रस्म अदा की और फातिहा पढ़कर अपने घरों को लौटे।
मैलहन में परंपरा का अनुपम दृश्य
मैलहन गांव में ताजिया कार्यक्रमों की शुरुआत नवीं की रात से हुई, जहां यूनुस व कल्बे हुसैन जैदी के ताजियों को गश्त के बाद निर्धारित कर्बला पहुंचाया गया। फूल ले जाने वालों में पांच-पांच अकीदतमंद शामिल हुए। मोहम्मद यूनुस का ताजिया और नियाज अहमद के फूल बबलू, सादिक बाबा और निसार खान द्वारा कर्बला में दफन किए गए।
संगठन और समर्पण की मिसाल बने आयोजक
पूर्व बीडीसी मसूद अहमद आफताब, बबलू, सादिक बाबा, अरशद, राजू दरगाही, पप्पू खान, सेबू और फोरमैन ने सभी कार्यक्रमों को कुशलता से संपन्न कराया। रात के समय फूलपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार गौतम ने खुद मैलहन के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और पूरे जुलूस की स्थिति की जानकारी वरिष्ठ पत्रकार महमूद अहमद से प्राप्त की।
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