थाली में छुपा दिल का दुश्मन 'नमक'

Oct 4, 2025 - 12:48
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थाली में छुपा दिल का दुश्मन  'नमक'

लखनऊ : डॉ. तौसीफ़ अल्वी के मुताबिक नवाबी तहज़ीब और लज़ीज़ पकवानों के लिए मशहूर लखनऊ की रसोई अब दिल की सेहत के लिए खतरा बन रही है। कबाब, बिरयानी, चाट और अचार जैसे व्यंजन शहर की शान हैं, लेकिन इनमें छुपी हुई नमक और सोडियम की अधिक मात्रा लोगों को धीरे-धीरे बीमार बना रही है। यही कारण है कि हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का खतरा लखनऊ में तेजी से बढ़ रहा है और यह बीमारी अब सिर्फ बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवा और मध्यम आयु वर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

हाइपरटेंशन को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि यह बिना किसी लक्षण के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। ज़्यादा सोडियम शरीर में पानी रोक लेता है, खून की मात्रा बढ़ा देता है और धमनियों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। लगातार यह दबाव दिल, किडनी और दिमाग पर गंभीर असर डालता है।

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बीसीसी प्लाज़ा, टिकैतगंज चौक, लखनऊ के चिकित्सक डॉ. तौसीफ़ अल्वी कहते हैं: “लखनऊ का खानपान हमारी सांस्कृतिक पहचान है, लेकिन यह पहचान अब सेहत पर भारी पड़ रही है। हर खाने में नमक का इस्तेमाल इतना सामान्य हो गया है कि लोग यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वे रोज़ाना कितनी खतरनाक मात्रा में सोडियम ले रहे हैं।

कबाब में डाला गया अतिरिक्त नमक, अचार का नमकीन पानी या बेकरी की ब्रेड और पैकेज्ड स्नैक्स—ये सब धीरे-धीरे हमारे दिल को कमजोर बना रहे हैं। आज हालत यह है कि हाई ब्लड प्रेशर केवल बुज़ुर्गों में नहीं, बल्कि युवा और कामकाजी वर्ग में भी आम हो चुका है। अब समय आ गया है कि जैसे हमने चीनी से सावधानी बरतना सीखा है, वैसे ही छिपे हुए नमक के ख़तरे को भी गंभीरता से समझें।”

समस्या केवल खाने पर ऊपर से डाले गए नमक की नहीं है। पापड़, अचार, चटनी, नमकीन, बिस्कुट, ब्रेड, इंस्टेंट नूडल्स, तली-भुनी चीज़ें और कोल्ड ड्रिंक जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों में छुपा सोडियम लोगों के सेवन को कई गुना बढ़ा देता है। WHO की तय सीमा (5 ग्राम प्रतिदिन) से कहीं ज्यादा नमक लखनऊ की थाली में अनजाने ही शामिल हो रहा है।

इसके साथ ही शहर की जीवनशैली भी इस खतरे को और बढ़ा रही है। देर रात भारी और तैलीय भोजन, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और बाहर के खाने की आदत—ये सब मिलकर लखनऊ में दिल की बीमारियों का ग्राफ ऊपर ले जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में युवा मरीजों में ब्लड प्रेशर और मोटापे के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं।

हालांकि, समाधान संभव है। जागरूकता और छोटे-छोटे बदलाव इस खतरे को कम कर सकते हैं। जैसे नींबू और मसालों से स्वाद बढ़ाना, ताज़े फल और सब्ज़ियां ज़्यादा खाना, अचार-पापड़ का सीमित सेवन करना और पैकेज्ड स्नैक्स से दूरी बनाना। साथ ही, रेस्टोरेंट में कम नमक वाले विकल्प चुनना।

दिल को सुरक्षित रखने के लिए व्यायाम भी बेहद ज़रूरी है। सुबह-शाम की सैर, गोमती रिवरफ्रंट पर साइक्लिंग, पार्कों में योग-प्राणायाम, या सिर्फ़ 30 मिनट की तेज़ चाल से वॉक ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार है। इसके साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच से बीमारी का समय रहते पता लगाया जा सकता है और बड़े खतरे टाले जा सकते हैं।

लखनऊ का खानपान उसकी पहचान है, लेकिन यह पहचान सेहत के लिए बोझ नहीं बननी चाहिए। अगर अभी से खाने और जीवनशैली में बदलाव किए जाएं, तो शहर अपनी समृद्ध पाक विरासत को सुरक्षित रखते हुए लोगों की दिल की सेहत भी बचा सकता है।

डॉ. तौसीफ़ अल्वी

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