सदभाव, आस्था और शहादत का प्रतीक: प्रयागराज में बड़े ताजिये की ऐतिहासिक शान

प्रयागराज में मोहर्रम के मौके पर उठाया गया बड़ा ताजिया, आस्था, तहजीब और शहादत की मिसाल बना

Jul 7, 2025 - 11:49
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सदभाव, आस्था और शहादत का प्रतीक: प्रयागराज में बड़े ताजिये की ऐतिहासिक शान
प्रयागराज में बड़े ताजिये की ऐतिहासिक शान

आनंदी मेल ब्यूरो

प्रयागराज : प्रयागराज की सरज़मीं पर मोहर्रम के पवित्र महीने की दसवीं तारीख को यौमे आशूरा के मौके पर बड़े ताजिये की रवानगी ने एक बार फिर आस्था, तहज़ीब और अकीदत का बेमिसाल नज़ारा पेश किया। जोहर की नमाज के बाद जैसे ही बड़ा ताजिया उठा, पूरे शहर में एक अलौकिक सन्नाटा और श्रद्धा की लहर दौड़ गई।

ताजिया जुलूस अपने तयशुदा मार्ग से निकलते हुए जॉनसेनगंज चौराहे पर पहुंचा, जहां इमाम हुसैन के दीवानों की भारी भीड़ देखी गई। लोग बोसा लेने, फूल चढ़ाने और मन्नतें मांगने के लिए उमड़ पड़े। इस मौके पर मन्नत की चीज़ें जैसे चादरें, इत्र, मिठाई और फूलों की भरमार देखी गई।

दिनभर लंगर और सेवादारी का सिलसिला चलता रहा। हर गली-कूचे में खाने-पीने की चीजें बांटी जा रही थीं। पानी, शरबत और ताजगी से भरपूर पेय पदार्थों का इंतजाम मुहैया कराया गया। सुरक्षा के लिहाज़ से पूरा इलाका पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और ड्रोन कैमरों की निगरानी में था।

जैसे-जैसे बड़ा ताजिया चौक, घंटाघर, कोतवाली और फिर शाहगंज की ओर बढ़ा, “या अली, या हुसैन” के नारे पूरे माहौल में गूंजने लगे। घरों की छतों, बालकनियों और दुकानों पर खड़े लोग ताजिया के दीदार को आतुर दिखाई दिए। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं—हर वर्ग के लोग श्रद्धा से झूम उठे।

लाउडस्पीकर से बजते दर्द भरे नौहे माहौल को और भी गमगीन बना रहे थे। इमाम हुसैन की शहादत की याद में हर चेहरा नम था। कंधा देने वालों को केवड़ा, गुलाबजल और पानी से तरोताज़ा किया गया, ताकि वह लगातार सफर में शामिल रह सकें। डॉक्टरों की टीम हर मोर्चे पर मुस्तैद रही, किसी भी चोट या परेशानी के लिए तत्पर थी।

इस बीच बुड्ढा ताजिया अपने गंतव्य ‘कर्बला’ पहुंच चुका था और धीरे-धीरे बड़ा ताजिया भी खुल्दाबाद होते हुए उसी ओर बढ़ रहा था। जैसे-जैसे अंधेरा गहराता गया, श्रद्धालुओं का जोश और भावुकता और भी गहराती गई। देर रात, नम आंखों से हुसैन के चाहने वालों ने ताजिये के फूलों को कर्बला में ठंडा किया।

अंत में, ताजिया कमेटियों के अध्यक्ष और सचिवों ने प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, जल संस्थान और बिजली विभाग को मोहर्रम को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने हेतु धन्यवाद दिया।

प्रमुख पदाधिकारी एवं सुरक्षा व्यवस्था में शामिल अधिकारी:

रेहान खान (अध्यक्ष – बड़ा ताजिया)

इमरान खान (सचिव)

गुलाम मोहम्मद (झूला कमेटी)

मो. शमीम अकरम शगुन (बुड्ढा ताजिया)

डीसीपी सिटी: अभिषेक भारती

डीसीपी गंगानगर: कुलदीप गुणावत

डीसीपी यमुनानगर: विवेक चंद

यातायात व्यवस्था को देखते हुए पुराने शहर में रूट डायवर्जन लागू किया गया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। इस ऐतिहासिक आयोजन ने न केवल धार्मिक भावनाओं को सम्मान दिया, बल्कि भाईचारे और सामाजिक समरसता का मजबूत संदेश भी दिया।

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