पराली जलाने की रोकथाम में सख्ती! CDO ने बिना SMS वाली कंबाइन मशीन सीज कराई
पराली जलाने की बढ़ती समस्या
आनन्दी मेल सवाददाता
अम्बेडकर नगर : वायु प्रदूषण और पराली जलाने की बढ़ती समस्या पर लगाम कसते हुए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) आनंद कुमार शुक्ला ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान बड़ी कार्रवाई की। राजस्व ग्राम आमादरवेशपुर (विकास खंड रामनगर, तहसील आलापुर) में धान की कटाई के लिए इस्तेमाल हो रही कंबाइन हार्वेस्टर मशीन को बिना स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) लगाए पकड़ा गया। CDO ने तुरंत मशीन (नंबर: UP45 AM 9133, स्वामी: लालता प्रसाद पुत्र राम समूझ, निवासी भोजपुर, परगना बिडहर, तहसील आलापुर) को सीज करने के आदेश दिए और उपजिलाधिकारी व कृषि विभाग को सख्त निर्देश जारी किए।यह कार्रवाई पराली प्रबंधन नियमों के उल्लंघन पर की गई, जो दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की बड़ी वजह बन रही है। CDO शुक्ला ने चेतावनी दी कि पराली जलाना न केवल स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए घातक है, बल्कि यह राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेशों का सीधा उल्लंघन है – एक दंडनीय अपराध!
पराली जलाने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई
भारत सरकार की 6 नवंबर 2024 की अधिसूचना के तहत पर्यावरण क्षतिपूर्ति (Environmental Compensation) की राशि निर्धारित की गई है:2 एकड़ से कम क्षेत्र: ₹5,000
2 से 5 एकड़: ₹10,000
5 एकड़ से अधिक: ₹30,000
NGT अधिनियम की धारा-24 के तहत क्षतिपूर्ति वसूली और धारा-26 के तहत पुनरावृत्ति पर अर्थदंड व FIR दर्ज होगी। CDO ने सभी किसानों से अपील की: "पराली न जलाएं! मल्चर, हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसे वैकल्पिक उपाय अपनाएं।
"प्रदूषण का खतरा: स्वास्थ्य और पर्यावरण पर मंडरा रहा संकट
पराली जलाने से निकलने वाला धुआं मानव स्वास्थ्य, पशुओं और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और फसलों की गुणवत्ता पर असर ये सिर्फ शुरुआत हैं।
अम्बेडकर नगर में मुख्य विकास अधिकारी की यह सख्ती जिले को 'क्लीन एयर जोन' बनाने की दिशा में मजबूत कदम है।किसान भाइयों, नियमों का पालन करें वरना जुर्माना और जेल की तैयारी रखें! प्रशासन की नजर हर खेत पर है।
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