इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो. एनके शुक्ल बने नए अधिष्ठाता-छात्र कल्याण
प्रो. एनके शुक्ल को इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नया अधिष्ठाता-छात्र कल्याण (DSW) नियुक्त किया गया है।

प्रयागराज,: इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन विभाग के प्रतिष्ठित प्रोफेसर एनके शुक्ल को नया अधिष्ठाता-छात्र कल्याण (Dean-Student Welfare) नियुक्त किया है। प्रो. शुक्ल ने बुधवार को इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार संभाला।
इस नियुक्ति की जानकारी विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर ने दी। उन्होंने बताया कि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के अनुमोदन के बाद, कुलसचिव प्रो. आशीष खरे द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। यह नियुक्ति प्रो. शुक्ल के विश्वविद्यालय के प्रति लंबे और समर्पित योगदान को दर्शाती है।
प्रो. एनके शुक्ल वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और इसके साथ ही वे अधिष्ठाता-कॉलेज डेवलपमेंट की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। उनका यह नया पदभार उनकी बहुआयामी योग्यता और प्रशासनिक अनुभव को रेखांकित करता है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उनका करियर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहा है। वे पहले भी विश्वविद्यालय के लिए कुलसचिव और कुलानुशासक जैसे अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका यह व्यापक अनुभव उन्हें छात्रों से संबंधित मुद्दों को समझने और उनका समाधान करने में मदद करेगा। छात्र कल्याण अधिष्ठाता का पद छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह पद छात्रों की समस्याओं को सुनने, उनके लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू करने और विश्वविद्यालय में एक सकारात्मक शैक्षणिक माहौल बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
प्रो. शुक्ल की नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि वे अपने प्रशासनिक अनुभव और छात्रों के प्रति अपनी समझ का उपयोग कर विश्वविद्यालय में छात्र जीवन को और अधिक समृद्ध और सुगम बनाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम छात्रों के हित को प्राथमिकता देने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
प्रो. एनके शुक्ल की नियुक्ति को विश्वविद्यालय परिवार में सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। उनके नेतृत्व में छात्र कल्याण विभाग के नए आयामों को छूने की संभावना है, जिससे न केवल शैक्षणिक बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत विकास के क्षेत्र में भी छात्रों को लाभ होगा। यह नियुक्ति इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम है।
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