निकाय कर्मचारियों का आक्रोश: 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल
कानपुर में निकाय कर्मचारियों ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सांकेतिक कार्यबंदी कर सरकार के खिलाफ जताया विरोध

कानपुर। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय, मोतीझील पर सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक सांकेतिक कार्य बंदी के तहत धरना दिया गया, जिसमें 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की गई। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार और शासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री रमाकांत मिश्र ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2019 से निकाय कर्मचारी अपनी सेवा संबंधी समस्याओं का समाधान मांग रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि छह बार प्रमुख सचिव नगर विकास से वार्ता होने के बावजूद एक भी मांग का समाधान नहीं किया गया, जो सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
केंद्रीय सेवा नियमावली का प्रख्यापन
सभी संवर्गों की पदोन्नति एवं पुनर्गठन
वेतन विसंगतियों का निराकरण
संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
राष्ट्रीय आठवां वेतन आयोग की घोषणा
74वां संविधान संशोधन लागू करना
सफाई कर्मियों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पदोन्नति देना
रमाकांत मिश्र ने यह भी जानकारी दी कि नगर विकास मंत्री स्वयं दो बार प्रमुख सचिव को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं पर अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
धरना स्थल पर मुख्य अभियंता सिविल एस. एफ. ए. जैदी ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन प्राप्त करते हुए भरोसा दिलाया कि संबंधित विभागों को ज्ञापन तत्काल भेजा जाएगा और मांगों पर कार्रवाई के लिए शासन को अवगत कराया जाएगा।
इस सांकेतिक कार्यबंदी में कई संगठन भी शामिल हुए, जिनमें कानपुर नगर निगम कर्मचारी संघ, मृतक आश्रित लिपिक कर्मचारी संघ एवं जलकर मजदूर सभा प्रमुख रहे।
प्रमुख रूप से उपस्थित रहने वालों में मुन्ना हजारिया, नीलू निगम, युसूफ अली, आदेश शुक्ला, देवीदीन भाऊ, पंकज शुक्ला, मननी लाल भारतीय, राम सुंदर मौर्य, हिमांशु निगम सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर शासन जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं करता तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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