अवध कॉलेजिएट में शिक्षक दिवस का अनूठा उत्सव: 'मानवीय क्षमता बनाम स्वचालन'

अवध कॉलेजिएट में 'स्वचालन के युग में मानवीय क्षमता का संरक्षण' थीम पर शिक्षक दिवस मनाया गया।

Sep 5, 2025 - 20:18
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अवध कॉलेजिएट में शिक्षक दिवस का अनूठा उत्सव: 'मानवीय क्षमता बनाम स्वचालन'

लखनऊ: ज्ञान और प्रौद्योगिकी के संगम को दर्शाते हुए, अवध कॉलेजिएट में शिक्षक दिवस 2025 को 'स्वचालन के युग में मानवीय क्षमता का संरक्षण' की विशेष थीम के साथ बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम केवल शिक्षकों के सम्मान तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने शिक्षा के भविष्य और तकनीक के साथ मानवीय स्पर्श के महत्व पर एक सार्थक चर्चा भी छेड़ी।

कार्यक्रम की शुरुआत एक भव्य स्वागत और दीप प्रज्वलन समारोह के साथ हुई, जिसके बाद शिक्षकों को बैज प्रदान कर उनका अभिनंदन किया गया। इस दौरान, विद्यालय का अवध एंथम प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा का संचार किया। शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए एक विशेष केक काटा गया और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा।

शिक्षकों और मार्गदर्शकों की भूमिका को सम्मान देते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद, 'लिटिल मंचकिन' टीम द्वारा प्रस्तुत 'सिंथेटिक शो स्टॉपर' ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जिसकी खूब सराहना की गई।

इस कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न कैंपस द्वारा प्रस्तुत की गई रचनात्मक प्रस्तुतियां थीं, जिन्होंने थीम को जीवंत कर दिया। पारा कैंपस की 'चॉक वर्सेज चिप' प्रस्तुति ने पारंपरिक शिक्षण विधियों और आधुनिक तकनीक की तुलना को एक रोचक तरीके से पेश किया। वहीं, मोहन कैंपस ने 'टेक वर्सेज टच' और एस.बी.एस. कैंपस ने 'मशीन बीट, ह्यूमन सोल' के माध्यम से दिखाया कि कैसे मशीनी जीवन में भी मानवीय भावनाएं और संवेदनाएं आवश्यक हैं।

आर.जी. कैंपस की 'ऑटोमेशन लिमिट्स - ईक्यू वर्सेज आईक्यू' प्रस्तुति ने विशेष रूप से ध्यान खींचा, जिसने मशीनी बुद्धिमत्ता के सामने भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रबंधक श्री सर्वजीत सिंह ने शिक्षकों की सराहना की और 10वीं व 12वीं कक्षा के उत्कृष्ट परिणामों के लिए उन्हें पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया। उन्होंने विभागाध्यक्षों को भी विशेष सम्मान प्रदान किया।

निदेशिका श्रीमती जतिंदर वालिया ने शिक्षकों को हर महीने बच्चों को 'टारगेट' देने का सुझाव दिया ताकि उन्हें प्रेरित किया जा सके। उन्होंने प्रिंसिपलों से कहा कि वे बच्चों और शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार करें, उनके 'सिविक सेंस' और 'स्पोकन' पर विशेष ध्यान दें ताकि वे जिम्मेदार और सफल नागरिक बन सकें।

संयुक्त निदेशिका ब्रह्मजोत ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने सभी को एकजुटता का संदेश दिया। यह शिक्षक दिवस समारोह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि शिक्षा के बदलते परिदृश्य में शिक्षकों की अविस्मरणीय भूमिका का एक महत्वपूर्ण स्मरण था।

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