पत्रकारों ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार, पुलिस की अनदेखी से आक्रोश
अम्बेडकरनगर में पत्रकार को मिली धमकी के बाद पुलिस की निष्क्रियता से पत्रकार संगठनों में भारी रोष।
अंबेडकरनगर :बसखारी थाना क्षेत्र में एक पत्रकार को कथित तौर पर धमकी देने और गाली-गलौज करने के मामले में पुलिस की निष्क्रियता ने जिले के पत्रकारों को आंदोलित कर दिया है। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो पत्रकारों का आक्रोश फूट पड़ा। इस मुद्दे को लेकर आज सुबह राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद (रजि.) ने पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।
घटना का विवरण
यह पूरा मामला बसखारी थाना क्षेत्र का है, जहाँ एक स्थानीय पत्रकार को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा धमकी और गाली-गलौज का सामना करना पड़ा। पत्रकार ने तत्काल बसखारी के थाना प्रभारी संत कुमार सिंह को लिखित शिकायत दी। हालाँकि, शिकायत दिए जाने के कई दिन बीत जाने के बाद भी, पुलिस ने न तो कोई प्राथमिकी दर्ज की और न ही कोई जाँच शुरू की। पुलिस की इस उदासीनता ने पत्रकारों में भारी निराशा पैदा कर दी है।
संगठनों का आक्रोश
इस प्रकरण को लेकर राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद के जिलाध्यक्ष अजय कुमार उपाध्याय ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार की शिकायत पर पुलिस का इस तरह से टालमटोल करना न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति उनकी लापरवाही को भी दर्शाता है। उपाध्याय ने कहा, "पत्रकारों की शिकायतों की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिससे उनके मन में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने का मकसद इस गंभीर मामले को उनके संज्ञान में लाना है। ज्ञापन में यह साफ किया गया है कि यदि जल्द ही दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो पत्रकार संगठन बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
पुलिस के रवैये पर सवाल
अम्बेडकरनगर में यह कोई पहला मामला नहीं है, जब पत्रकारों को पुलिस के असहयोग का सामना करना पड़ा हो। पत्रकारों का आरोप है कि बसखारी थाना प्रभारी संत कुमार सिंह का रवैया पत्रकारों के प्रति नकारात्मक रहा है। कई बार छोटी-बड़ी शिकायतों पर भी वे उचित कार्रवाई करने से बचते रहे हैं। इस रवैये से पत्रकारों में असंतोष की भावना बढ़ती जा रही है, जिसका परिणाम यह है कि उन्हें न्याय के लिए सीधे वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाना पड़ रहा है।
ज्ञापन सौंपे जाने के बाद अब सबकी निगाहें पुलिस अधीक्षक के अगले कदम पर टिकी हैं। पत्रकार संगठनों का मानना है कि एसपी इस मामले को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देंगे। यदि ऐसा नहीं होता है, तो पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि वे धरना-प्रदर्शन और अन्य आंदोलनात्मक गतिविधियों को अंजाम देंगे ताकि प्रशासन को पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया जा सके। यह मामला न केवल बसखारी के पत्रकार की व्यक्तिगत सुरक्षा का है, बल्कि यह पूरे जिले में पत्रकारों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने का भी एक सवाल बन गया है।
क्या पुलिस अधीक्षक इस मामले में हस्तक्षेप कर पत्रकारों को न्याय दिला पाएंगे? यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।
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