प्रयागराज में साहित्य की बहार: हिंदी विभाग में राजकमल प्रकाशन की पुस्तक प्रदर्शनी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में राजकमल प्रकाशन द्वारा 5 दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ, साहित्य प्रेमियों के लिए खास।

प्रदर्शनी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कला संकाय की पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. अनामिका राय ने फीता काटकर किया। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लालसा यादव ने गुलदस्ता भेंट कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राजकमल प्रकाशन समूह की तरफ से कहानीकार मनोज कुमार पाण्डेय ने प्रो. अनामिका राय को एक पुस्तक भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन के बाद, प्रो. अनामिका राय ने पुस्तकों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि किताबें सिर्फ कागज के पन्ने नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और इतिहास का खजाना हैं। उन्होंने छात्रों को नियमित रूप से किताबें पढ़ने और साहित्य से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, उन्होंने विभाग के प्री-पीएचडी कोर्स कर रहे शोध छात्रों के लिए एक विशेष व्याख्यान दिया। उनका व्याख्यान ‘श्रीराधा: इतिहास, परंपरा, साहित्य और लोक में निर्मित छवियां’ विषय पर केंद्रित था, जिसमें उन्होंने राधा के विविध और बहुआयामी चरित्र पर गहराई से प्रकाश डाला। यह व्याख्यान शोध छात्रों के लिए अत्यंत सारगर्भित और ज्ञानवर्धक रहा।
इस अवसर पर, विभागाध्यक्ष प्रो. लालसा यादव ने गुलदस्ता और प्री-पीएचडी कोर्स-वर्क (2023) के संयोजक प्रो. भूरेलाल ने प्रो. अनामिका राय को एक सुंदर पेंटिंग भेंट कर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में विभाग की पत्रिका ‘कौमुदी’ का नवीनतम अंक भी प्रस्तुत किया गया, जिसे डॉ. अमितेश कुमार ने छात्रों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रो. अनामिका राय को भेंट किया।
कार्यक्रम के अंत में, प्रो. भूरेलाल ने सभी अतिथियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार किताबें चुनने और अपने ज्ञान को विस्तृत करने का एक बेहतरीन मौका देगी। यह आयोजन न केवल एक पुस्तक प्रदर्शनी थी, बल्कि यह ज्ञान, साहित्य और रचनात्मकता का एक संगम भी था, जिसने पूरे परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।
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