खाड़ी देशों में भारतीय नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएं: केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने खाड़ी देशों में संकटग्रस्त भारतीय नागरिकों, खासकर महिलाओं की मदद के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

नई दिल्ली: भारत सरकार ने विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों, खासकर प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीयों की समस्याओं के समाधान के लिए कई तंत्र स्थापित किए हैं।
खासकर खाड़ी देशों में काम करने वाली भारतीय महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। संकटग्रस्त महिलाओं के लिए आश्रय गृह बनाए गए हैं, जहाँ उन्हें भोजन, रहने की जगह और चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही, उनकी सुरक्षित स्वदेश वापसी की भी व्यवस्था की जाती है।
राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि भारतीय नागरिक विभिन्न माध्यमों से विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों से संपर्क कर सकते हैं। इनमें वॉक-इन, ईमेल, सोशल मीडिया, बहुभाषी आपातकालीन नंबर और शिकायत निवारण पोर्टल शामिल हैं। कई भारतीय मिशनों ने टोल-फ्री हेल्पलाइन, व्हाट्सएप नंबर और मोबाइल ऐप भी शुरू किए हैं ताकि सहायता आसानी से उपलब्ध हो सके।
इसके अलावा, सरकार ने प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (पीबीएसके) और क्षेत्रीय प्रवासी सहायता केंद्र (केपीएसके) जैसे केंद्र स्थापित किए हैं। ये केंद्र नई दिल्ली, दुबई, रियाद, जेद्दा और कुआलालंपुर जैसे शहरों में स्थित हैं, जहाँ संकटग्रस्त भारतीयों को मार्गदर्शन और परामर्श दिया जाता है।
सरकार ने प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) और प्रस्थान-पूर्व अभिविन्यास प्रशिक्षण (पीडीओटी) जैसी पहल भी की हैं ताकि प्रवासी श्रमिकों के लिए विदेश जाना सुरक्षित हो सके। विदेश राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि खाड़ी देशों के साथ नियमित बैठकों में श्रमिकों के कल्याण और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होती है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विदेश में जेल में बंद भारतीय नागरिकों को कानूनी और कांसुलर सहायता भी दी जाती है। इसके अलावा, भारतीय मिशन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भारतीय समुदाय के साथ सीधा संवाद बनाए रखते हैं, जिससे वे सीधे अधिकारियों से संपर्क कर सकें।
What's Your Reaction?






