"लीडरशिप की पाठशाला: एबल 2025 का जोशभरा समापन"

नेतृत्व, प्रेरणा और संस्कृति की त्रिवेणी बनी ‘एबल 2025’ कानपुर में, युवाओं ने सीखे संवाद और व्यवसाय के सूत्र।

Jul 21, 2025 - 22:32
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"लीडरशिप की पाठशाला: एबल 2025 का जोशभरा समापन"
"लीडरशिप की पाठशाला: एबल 2025 का जोशभरा समापन"

कानपुर। चार दिवसीय राष्ट्रीय नेतृत्व शिविर ‘एबल 2025 – अकादमी फॉर बिज़नेस लीडरशिप एंड एक्सीलेंस’ का भव्य समापन 21 जुलाई को श्रीगंगा वैली, बिठूर में हुआ। जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारत और नेपाल से आए युवाओं ने हिस्सा लिया और नेतृत्व, संवाद, नैतिक मूल्यों और बिजनेस स्किल्स की गहन ट्रेनिंग ली।

“Gear Up to Grow” थीम पर आधारित यह शिविर 18 से 21 जुलाई तक चला, जिसमें जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल अध्यक्ष प्रनीत अग्रवाल की कुशल अगुवाई और आयोजन सचिव श्रुति जैन तथा परियोजना संयोजक नेहा गर्ग की सक्रिय भूमिका रही। शिविर ने न केवल नेतृत्व क्षमता को निखारा, बल्कि संवाद कौशल और व्यवसायिक नैतिकता पर भी प्रतिभागियों को प्रखरता से प्रशिक्षित किया।

इस दौरान प्रतिभागियों को देश के अनुभवी और प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों से मार्गदर्शन मिला। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएफएस दीपक नाहर, एचजीएफ श्रीनिवासन, विकास गुग्लिया, डॉ. दीपक मकवाना और हरीश गोपालजी बस्तु मंत्री जैसे दिग्गजों ने युवाओं को आत्मविकास और सामाजिक नेतृत्व के प्रभावशाली सूत्रों से अवगत कराया।

समापन समारोह में जेसीआई इंडिया के नेशनल प्रेसिडेंट अंकुर झुनझुनवाला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनका स्वागत जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल के अध्यक्ष प्रनीत अग्रवाल और प्रथम महिला प्रज्ञा अग्रवाल ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। जोनल प्रेसिडेंट कपिल अग्रवाल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए और उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए शिविर के सकारात्मक प्रभाव की प्रशंसा की। कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था को सभी ने सराहा और आयोजकों की मेहनत की खुलकर प्रशंसा की।

‘एबल 2025’ केवल एक प्रशिक्षण शिविर नहीं, बल्कि नेतृत्व, प्रेरणा और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का संगम बन गया। युवाओं ने यहां सीखा कि नेतृत्व केवल दिशा दिखाना नहीं, बल्कि लोगों को साथ लेकर चलना और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी है।

इस आयोजन ने साबित किया कि भारत का युवा न केवल सीखने को तैयार है, बल्कि सकारात्मक बदलाव का वाहक भी बन सकता है – बशर्ते उसे सही मार्गदर्शन, मंच और ऊर्जा मिले। जेसीआई की यह पहल निःसंदेह आने वाले वर्षों में समाज को कुशल, जिम्मेदार और मूल्यनिष्ठ नेतृत्व देने में योगदान देगी।

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