क्लब फुट पर ममता की मरहम: रायबरेली में डॉ. पी.के. पाल ने रचा चिकित्सा इतिहास
डॉ. पी.के. पाल ने क्लब फुट से जूझते बच्चों को निःशुल्क इलाज देकर नई जिंदगी की दिशा दिखाई

रायबरेली: जिला चिकित्सालय राणा बेनी माधव में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. पी.के. पाल ने चिकित्सा सेवा की मिसाल पेश की है। जन्मजात क्लब फुट दोष से पीड़ित बच्चों के जीवन को नई राह देने के लिए वे नि:स्वार्थ रूप से समर्पित हैं। क्लब फुट एक गंभीर अवस्था है जिसमें बच्चों के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते हैं, जिससे चलना मुश्किल हो जाता है।
इस विकार का इलाज पूरी तरह संभव है, और इसके लिए तीन चरणों की प्रक्रिया अपनाई जाती है—कास्टिंग, टेनोटॉमी और फिर विशेष प्रकार के जूते और बार का उपयोग। इस समग्र प्रक्रिया का संचालन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा अनुष्का फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से हर बुधवार जिला चिकित्सालय रायबरेली में किया जाता है।
डॉ. पी.के. पाल और उनकी टीम अब तक 330 से अधिक बच्चों का उपचार कर चुकी है। इस सप्ताह 10 जुलाई 2025 को उन्होंने छह बच्चों की निःशुल्क टेनोटॉमी सर्जरी की। 1 अप्रैल 2025 से लेकर अब तक कुल 17 बच्चों का ऑपरेशन सफलता पूर्वक किया जा चुका है।
इस सेवा में उनका साथ दे रहे हैं शिवांकांत मौर्य, जो कास्टिंग प्रक्रिया में सहयोग करते हैं, और अनुष्का फाउंडेशन के दिलीप धर दुबे, जो बच्चों के माता-पिता को मानसिक और व्यावहारिक काउंसलिंग प्रदान करते हैं।
डॉ. पाल का यह प्रयास महज चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि समाज सेवा का अनुकरणीय उदाहरण है। वे न केवल चिकित्सा उपलब्ध कराते हैं, बल्कि अभिभावकों को आश्वस्त करते हैं कि यह स्थिति सुधार योग्य है और समय पर इलाज से बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है।
बच्चों की मुस्कान में उनकी मेहनत झलकती है, और रायबरेली जैसे ज़िले में ऐसे प्रयासों की विशेष आवश्यकता है जहां सीमित संसाधनों के बावजूद सेवा को सर्वोपरि रखा जाता है।
डॉ. पी.के. पाल का यह अभियान हमें यह सिखाता है कि सही दिशा, समर्पण और सहयोग से किसी भी सामाजिक चुनौती को चिकित्सा की शक्ति से हराया जा सकता है।
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