"एक पेड़ मां के नाम 2.0" में भारतीय योग परिषद ने लखनऊ में किया वृक्षारोपण

लखनऊ में "एक पेड़ मां के नाम 2.0" अभियान के तहत भारतीय योग परिषद ने वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण संदेश

Jul 9, 2025 - 22:25
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"एक पेड़ मां के नाम 2.0" में भारतीय योग परिषद ने लखनऊ में किया वृक्षारोपण

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार के ऐतिहासिक हरित अभियान “एक पेड़ मां के नाम 2.0” के अंतर्गत 9 जुलाई 2025 को पूरे प्रदेश में 37 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का महाअभियान चलाया गया। इस विशाल वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने में सरकारी विभागों के साथ-साथ सामाजिक एवं योगिक संगठनों की भागीदारी भी सराहनीय रही।

इसी क्रम में भारतीय योग परिषद ने भी पर्यावरण जागरूकता को लेकर अहम भूमिका निभाई। संगठन ने लखनऊ स्थित जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र परिसर में वृक्षारोपण कर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान में अपनी भागीदारी दर्ज कराई। इस अवसर पर परिषद के पदाधिकारियों, योग प्रशिक्षकों और युवा स्वयंसेवकों ने मिलकर फलदार एवं छायादार पौधे लगाए।

परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि यह अभियान सिर्फ वृक्षारोपण तक सीमित नहीं, बल्कि मां के प्रति सम्मान और पर्यावरणीय दायित्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जैसे मां जीवन देती हैं, उसी तरह पेड़ भी जीवनदायिनी ऑक्सीजन और संतुलित पर्यावरण प्रदान करते हैं। पेड़ लगाना अब परंपरा नहीं, ज़िम्मेदारी बन चुकी है।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों ने शपथ ली कि वे लगाए गए हर पौधे को जीवित रखने के लिए उसकी देखभाल, सिंचाई और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे अपने परिवार और पड़ोसियों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करेंगे।

प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह हरियाली महाकुंभ पर्यावरण सुधार, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पूरे उत्तर प्रदेश को ‘हरित प्रदेश’ बनाने का सपना साकार किया जा रहा है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 से ही भारतीय योग परिषद ने वृक्षारोपण का संकल्प लिया था और समय-समय पर विभिन्न स्थलों पर पौधरोपण कर रही है। परिषद के प्रतिनिधियों ने बताया कि आने वाले महीनों में यह अभियान अन्य जिलों में भी चलेगा और योग शिविरों के साथ वृक्षारोपण को जोड़ा जाएगा।

इस कार्यक्रम के अंत में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं स्वयंसेवकों को "ग्रीन रक्षक" सम्मान भी दिया गया, ताकि उनका उत्साहवर्धन हो और समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरणा का संचार हो।

भारतीय योग परिषद की यह पहल यह दर्शाती है कि जब समाज और शासन मिलकर कार्य करते हैं, तो पर्यावरणीय सुधार जैसे महायज्ञ में चमत्कारी परिणाम सामने आते हैं।

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