एचडीएफसी बैंक: विलय के बाद विकास के नए युग में प्रवेश
एचडीएफसी बैंक ने विलय के बाद तेज़ विकास की तैयारी शुरू की, सीईओ जगदीशन ने AI और आर्थिक स्थिरता को बताया आधार।

जगदीशन ने क्रिकेट की भाषा में अपनी बात रखते हुए कहा कि पिछले साल बैंक ने “स्थिर सिंगल्स” के रूप में आधारभूत कार्य किया, लेकिन अब वह “बाउंड्रीज़” मारने के लिए तैयार है। इसका तात्पर्य है कि बैंक अब बड़े अवसरों का लाभ उठाने की स्थिति में है।
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025 को बैंक के लिए एक निर्णायक मील का पत्थर बताया, जो रणनीतिक समेकन, बैलेंस शीट के पुनः अंशांकन और लचीलेपन से परिपूर्ण रहा। विलय के बाद, बैंक ने संरचनात्मक रूप से मज़बूत आधार बनाया है और अब यह एक बेहतर आर्थिक परिवेश का लाभ उठाकर अपने विकास को और तेज़ करने को तैयार है।
आंकड़ों के अनुसार, बैंक ने 14.1% की जमा वृद्धि दर्ज की जो उसकी ऋण वृद्धि से 2.5 गुना अधिक रही। इस वृद्धि ने बैंक के ऋण-जमा अनुपात को 96% तक सुधार दिया और उच्च लागत वाली उधारी घटकर केवल 14% रह गई, जो इसके पूंजी प्रबंधन में सुधार का संकेत है।
बैंक का प्रदर्शन इस दौरान भी उल्लेखनीय रहा जब वैश्विक अस्थिरता और घरेलू जीडीपी में मंदी देखी गई। बैंक ने सिस्टम-व्यापी जमा का 11% हिस्सा प्राप्त किया, जबकि उसका शाखा नेटवर्क पूरे देश के केवल 5% हिस्से में फैला है। यह उसकी दक्षता और डिजिटल रणनीति का प्रमाण है।
तकनीकी क्षेत्र में बैंक का रुख बेहद दूरदर्शी है। शशिधर जगदीशन ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को इंटरनेट और मोबाइल तकनीक जितना ही परिवर्तनकारी बताया। उन्होंने कहा कि बैंक इस तकनीक को अपनाने में बेहद सतर्क और रणनीतिक रवैया अपना रहा है। वर्तमान में बैंक 15 जनरेटिव एआई प्रोग्राम चला रहा है और इस तकनीक में विशेषज्ञता के निर्माण के लिए एक केंद्रीकृत अकादमी की स्थापना की गई है।
उनका मानना है कि यदि AI को उचित सुरक्षा उपायों और संरचना के साथ लागू किया जाए, तो यह नवाचार, प्रतिस्पर्धा और ग्राहक अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
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