यूएन पीसकीपर्स की सुरक्षा के लिए भारत ने की न्याय की सशक्त मांग
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पीसकीपर्स पर अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने की पुरजोर अपील की।

यह बैठक "शांति सैनिकों के विरुद्ध अपराधों की जवाबदेही हेतु मित्र समूह (Group of Friends)" की थी, जिसकी स्थापना भारत की सुरक्षा परिषद में अध्यक्षता के दौरान दिसंबर 2022 में की गई थी। इस मंच पर भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने विचार व्यक्त किए।
राजदूत हरीश ने कहा कि शांति सैनिकों को अत्यंत चुनौतीपूर्ण और जोखिमभरे इलाकों में कार्य करना पड़ता है। इन क्षेत्रों में उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में अक्सर कोई न्यायिक कार्रवाई नहीं होती, जिससे हमलावरों का मनोबल बढ़ता है और अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयास कमजोर पड़ते हैं।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “जवाबदेही केवल एक नैतिक और कानूनी आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक आवश्यकता भी है। जब अपराधियों को सज़ा मिलती है, तो यह शांति सैनिकों की सुरक्षा और कार्यक्षमता को मजबूती देता है।”
राजदूत ने यह भी रेखांकित किया कि 1948 से अब तक 1,000 से अधिक संयुक्त राष्ट्र कर्मियों की हत्या हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। इसके बावजूद अधिकांश मामलों में हमलावरों को सजा नहीं मिली है।
बैठक में चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव सामने आए। इनमें जवाबदेही तंत्र को सुदृढ़ करने, कानूनी संरचनाओं को मजबूत बनाने, तकनीकी सहयोग एवं क्षमता निर्माण के प्रयास, न्याय सुनिश्चित करने हेतु डिजिटल टूल्स का उपयोग तथा निवारक उपायों पर बल दिया गया।
भारत के स्थायी मिशन ने इस बैठक की जानकारी सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की। उन्होंने बताया कि शांति सैनिकों के विरुद्ध अपराधों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह समूह लगातार कार्य कर रहा है।
भारत का यह रुख यह दर्शाता है कि वह वैश्विक शांति अभियानों में केवल भागीदार ही नहीं, बल्कि उनके संरक्षक के रूप में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
यह पहल उन हजारों शांति सैनिकों के मनोबल को बल देती है, जो जान की परवाह किए बिना, दुनियाभर में संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाल करने में लगे हैं।
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