भारत-आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक में 2026-30 की नई कार्ययोजना पर सहमति
भारत-आसियान विदेश मंत्रियों ने 2026-2030 के लिए सहयोग बढ़ाने नई रणनीतिक कार्ययोजना अपनाई।

नई दिल्ली/कुआलालंपुर: 10 जुलाई को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित भारत-आसियान विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भारत के विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने देश का प्रतिनिधित्व किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत और आसियान देशों के बीच 2026 से 2030 तक लागू होने वाली नई कार्ययोजना को मंजूरी दी गई, जो दोनों पक्षों के बीच सहयोग को व्यापक और रणनीतिक रूप से मजबूत बनाएगी।
बैठक में डिजिटल, रक्षा, स्वास्थ्य, समुद्री सहयोग, आपदा प्रबंधन और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर विशेष ध्यान दिया गया। मंत्री मार्गेरिटा ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्ययोजना भारत-आसियान संबंधों की नई दिशा तय करेगी और सामूहिक हितों को आगे बढ़ाने में सहायक होगी।
इस वर्ष दोनों पक्षों द्वारा भारत-आसियान पर्यटन वर्ष भी मनाया जा रहा है, जिससे लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मार्गेरिटा ने बैठक के दौरान आसियान महासचिव डॉ. काओ किम होर्न से मुलाकात कर उनके प्रयासों की प्रशंसा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, तिमोर-लेस्ते और कंबोडिया के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और बहुआयामी संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत और आसियान के बीच सांस्कृतिक और सभ्यतागत गहरे बंधन हैं, और आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ तथा ‘हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण’ का मूल आधार है।
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