भारत ने एसडीजी-6 बैठक में जल जीवन मिशन की सफलता को वैश्विक मंच पर रखा
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में SDG6 बैठक के दौरान जल जीवन मिशन की उपलब्धियां साझा कीं, 2026 जल सम्मेलन में भागीदारी जताई।

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में सतत विकास लक्ष्य 6 (एसडीजी-6) पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में भारत ने न केवल अपने उल्लेखनीय जल मिशनों की सफलता का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन किया, बल्कि 2026 में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने इस बैठक में भाग लेते हुए जल जीवन मिशन की प्रगति को विस्तार से साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता केवल बुनियादी अधिकार नहीं बल्कि जन स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और समावेशी आर्थिक विकास का भी मूल आधार हैं।
राजदूत ने बताया कि 2019 में शुरू किए गए जल जीवन मिशन के तहत भारत ने ग्रामीण घरों को पाइप से पीने योग्य जल उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया। केवल पांच वर्षों में यह कवरेज 17% से बढ़कर 80% से अधिक हो चुकी है, जिससे 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को लाभ मिला है। उन्होंने इसे सरकार की परिवर्तनकारी योजनाओं में से एक बताया।
राजदूत हरीश ने अपने संबोधन में एसडीजी-6 या 2026 जल सम्मेलन के राजनीतिकरण के प्रयासों की आलोचना की और कहा कि जल और स्वच्छता जैसे बुनियादी विषयों पर वैश्विक सहयोग आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने अनुभवों और सफलतापूर्वक अपनाई गई रणनीतियों को अन्य सहयोगी देशों के साथ साझा करता रहेगा।
हरीश ने बताया कि भारत ने न केवल जल व्यवस्था को तकनीकी रूप से बेहतर किया है, बल्कि ग्राम स्तर की स्थानीय संस्थाओं को सशक्त करके शासन की भागीदारी को भी मजबूती दी है। इससे योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता आई है।
यह बैठक संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी6 लक्ष्य की दिशा में हो रहे वैश्विक प्रयासों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य 2030 तक सभी को स्वच्छ जल और स्वच्छता उपलब्ध कराना है। इसमें जल संसाधनों के कुशल उपयोग, पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा और जल संरक्षण जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया।
राजदूत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत 2026 में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन में पूर्ण सहयोग के साथ भाग लेगा और इस वैश्विक मंच पर अपने अनुभवों से अन्य देशों को लाभान्वित करने को तत्पर रहेगा।
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