यौम-ए-आशूरा पर फूलपुर में अकीदत का समुंदर, ताजियाओं के साथ मातम और मजलिसों का आयोजन
फूलपुर कस्बे में 10वीं मोहर्रम को अकीदत के साथ यौम-ए-आशूरा मनाया गया, जंजीरा का मातम और ताजिया जुलूस निकाला गया।

आनंदी मेल ब्यूरो
प्रयागराज (फूलपुर) : प्रयागराज के फूलपुर कस्बे में 10वीं मोहर्रम यानी यौम-ए-आशूरा को पूरे अकीदत और ग़म के साथ मनाया गया। इस मौके पर कस्बे के हवेली, मुल्लाना, कैथाना, नई बस्ती, कोहना और जाफरगंज सहित विभिन्न मोहल्लों से ताजिया जुलूस निकाले गए।
भोर में हवेली मोहल्ले में अंगारे का मातम किया गया, जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया। इसके बाद मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें शहीदाने कर्बला को याद करते हुए उनकी कुर्बानियों को सलाम किया गया।
दिन में फिर सभी मोहल्लों से ताजियाओं को लेकर अकीदतमंद जुलूस के रूप में हवेली पहुंचे। यहां 2:30 बजे दूसरी मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें मौलाना साहब ने यौम-ए-आशूरा की अहमियत और कर्बला की घटना पर तफसील से तकरीर की।
कर्बला का पैगाम: सब्र, इंसाफ और कुर्बानी
मौलाना ने कहा कि 10वीं मोहर्रम वह दिन है जब इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने 72 साथियों के साथ कर्बला के मैदान में शहादत देकर इस्लाम को जिंदा किया। उन्होंने ज़ुल्म और अन्याय के खिलाफ खड़े होकर सब्र, इंसानियत और अल्लाह की राह में कुर्बानी का जो पैगाम दिया, वह आज भी इंसानियत के लिए मिसाल है।
जुलूस, नौहा और जंजीरा मातम
तीन बजे दोपहर में सभी मोहल्लों की ताजियाएं हवेली से रवाना हुईं और बानगी बाजार पहुंची। यहां अंजुमन अब्बासिया की ओर से जमन फूलपुरी, ईशान जैदी और अली जैदी ने गमगीन नौहे पढ़े। इसके बाद पूरे जोश और अकीदत के साथ जंजीरा का मातम किया गया। जंजीरे के मातम में छोटे बच्चे भी शामिल हुए।
जुलूस में शामिल हुसैनी अखाड़े के करतबबाजों ने अपनी पेशकश से लोगों को रोमांचित कर दिया। सत्तार अहमद की अगुवाई में यह टोली रास्ते भर करतब दिखाती रही। "या अली, या हुसैन" के नारों से आसमान गूंज उठा।
ताजिया सुपुर्दे-ख़ाक और कर्बला की मंज़िल
जुलूस सिकंदरा रोड होते हुए कर्बला पहुंचा, जहां सभी ताजियों के फूलों को दफ्न किया गया। यह पल अत्यंत भावुक कर देने वाला था, जब लोगों ने नम आंखों से हुसैन की याद में अपने ताजिया को सुपुर्दे-ख़ाक किया।
सम्मानजनक उपस्थिति और शांतिपूर्ण आयोजन
जुलूस में कई प्रमुख लोग शामिल रहे, जिनमें पूर्व चेयरमैन मंसूर आलम, सैयद इलियास अहमद, बदरुल हसन जैदी, सभासद मोहम्मद अरशद दानिश, सभासद इसलाह अहमद, पूर्व सभासद मोहम्मद कामिल, शेर अली खान, अनीस मंसूरी, काशिफ, नफीस अहमद सहित अन्य गणमान्य लोग थे।
संपूर्ण कार्यक्रम की निगरानी मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष ब्लागत हुसैन उर्फ बल्लन मियां की देखरेख में हुई, वहीं फूलपुर कोतवाल अपनी टीम के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभालते रहे।
यह आयोजन फूलपुर के अकीदतमंदों की आस्था, अनुशासन और सहयोग की जीती-जागती मिसाल रहा, जिसमें ना सिर्फ धार्मिक रस्मों को अदा किया गया, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का पैगाम भी दिया गया।
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