‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ में अंबेडकरनगर से शुरू हुआ जनआंदोलन, तमसा नदी किनारे हुआ वृहद वृक्षारोपण
तमसा तट से शुरू हुआ अंबेडकरनगर में वृक्षारोपण अभियान, 37 लाख पौधों के लक्ष्य को लेकर चला जन आंदोलन

अंबेडकरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार की 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का दूसरा चरण जनपद अंबेडकरनगर में तमसा नदी के पावन तट से आज भव्य रूप में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर राज्य के कैबिनेट मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद, एमएलसी हरिओम पांडे, विधायक धर्मराज निषाद सहित प्रशासनिक अधिकारियों एवं सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में व्यापक वृक्षारोपण किया गया।
यह अभियान पर्यावरणीय चेतना और मातृ श्रद्धा को एक सूत्र में पिरोते हुए नागरिकों से आह्वान करता है कि वे अपनी मां या धरती मां के नाम एक वृक्ष अवश्य लगाएं। जिले को मिले लक्ष्य के अनुसार कुल 37,10,700 पौधों का रोपण किया जाएगा, जिसे जन आंदोलन का स्वरूप देकर प्रत्येक ग्राम पंचायत, विद्यालय और विभागीय परिसर में क्रियान्वित किया जा रहा है।
प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद ने लोहिया भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि "पेड़ हमारे शरीर की कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर जीवन को शुद्ध बनाते हैं। जिस प्रकार एक मां हमें पोषण देती है, उसी तरह पेड़ हमें जीवन देते हैं।"
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संकल्प दिलाया कि हर परिवार कम से कम एक पेड़ मां के नाम लगाए और उसकी देखरेख का उत्तरदायित्व स्वयं निभाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाए जा रहे हरित भारत अभियान में जन सहभागिता ही सफलता की कुंजी है।
एमएलसी हरिओम पांडे ने जोर दिया कि "यह पहल सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी देखरेख, सिंचाई और संरक्षण भी उतना ही आवश्यक है। यह मातृभक्ति, पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी और सामाजिक जागरूकता का संगम है।"
प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 37 लाख पौधों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए परती भूमि, खेतों की मेड़ और शहरी पार्कों में पौधरोपण किया जा रहा है। इसके साथ ही, कार्बन क्रेडिट नीति के तहत किसानों को भी लाभ दिलाने की रणनीति बनाई गई है।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यावरण गीतों ने सभी को जागरूकता का संदेश दिया। प्रतिभागी बच्चों को मुख्य अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
सहजन पौध भंडारा कार्यक्रम में सहजन, आम, नीम, पीपल जैसे उपयोगी पौधे लोगों को वितरित किए गए, जिससे अभियान का संदेश हर घर तक पहुंच सके।
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