विभाजन विभीषिका दिवस पर श्रद्धांजलि
प्रयागराज के रेड ईगल पब्लिक स्कूल में आयोजित एक संगोष्ठी में भाजपा ने भारत विभाजन के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी, जिसमें प्रतापगढ़ के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे।

प्रयागराज: स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले, भारत के दर्दनाक इतिहास, विभाजन की विभीषिका, को याद करते हुए प्रयागराज के भ्यूरा उतराव स्थित रेड ईगल पब्लिक स्कूल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देना था जिन्होंने भारत-पाकिस्तान विभाजन की त्रासदी में अपनी जान गंवाई या सबकुछ खो दिया। इस कार्यक्रम को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया गया।
इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रतापगढ़ के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस उन अनगिनत लोगों को याद करने का दिन है जो विभाजन की भयावहता से प्रभावित हुए। यह उन पीड़ितों के साहस और जीवटता को भी श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने भयानक परिस्थितियों का सामना करते हुए भी मानवता की शक्ति को दर्शाया। उन्होंने कहा कि विभाजन से प्रभावित कई लोगों ने अपने जीवन को फिर से संवारा और नई शुरुआत की।
त्रिपाठी ने इस ऐतिहासिक घटना की भयावहता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक था, जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए। लाखों परिवारों को अपने पैतृक स्थानों को छोड़कर शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस संगोष्ठी के बाद, भाजपाइयों ने मौन जुलूस भी निकाला, जिसमें विभाजन के पीड़ितों के प्रति सम्मान और संवेदना व्यक्त की गई। इसके अतिरिक्त, एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया जिसमें विभाजन के समय की तस्वीरों और दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया था, ताकि नई पीढ़ी इस त्रासदी के बारे में जान सके।
कार्यक्रम का समापन जिला प्रभारी उत्तर मौर्या ने किया। इस संगोष्ठी में कई महत्वपूर्ण भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे, जिनमें संयोजक जिला मंत्री संतोष शुक्ला, फूलपुर चेयरमैन अमर नाथ यादव, जिलाध्यक्ष गंगापार निर्मला पासवान, जिला महामंत्री हरि भूषण सिंह, मनोज निषाद, जिला उपाध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह पटेल, ब्लॉक प्रमुख ज्योति यादव, मंडल अध्यक्ष सैदाबाद हीरेंद्र सिंह, बृजेश त्रिपाठी, उमेश तिवारी, कार्तिकेय त्रिपाठी, श्याम सुंदर द्विवेदी, महेश माली, संजय यादव और गुड्डू राजा शामिल थे।
यह कार्यक्रम न केवल इतिहास को याद करने का एक प्रयास था, बल्कि यह भी संदेश देता है कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए हमें एकता और सद्भाव बनाए रखना चाहिए।
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