स्कूली वाहनों की सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता: 251 वाहन नियम विरुद्ध चल रहे
मथुरा में 251 स्कूली वाहन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, अधिकारियों ने निर्देश दिए, खतरनाक स्थिति को सुधारने की आवश्यकता।

(सुमित गोस्वामी)
मथुरा : जिले में संचालित 251 स्कूली वाहन नियम विरुद्ध सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिससे छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। 30 जुलाई तक जनपद में स्कूलों में संचालित 46 वाहनों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है, और 91 वाहनों के परमिट भीExpired हैं। इसके अलावा, 114 स्कूली वाहनों ने 15 वर्ष की आयु पूरी कर ली है। यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है।
एआरटीओ राजेश राजपूत ने सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया है कि वे दो दिन के भीतर अपने वाहनों के सभी प्रपत्र पूर्ण करा लें, अन्यथा विधिक कार्यवाही के तहत उनके विद्यालयों की मान्यता समाप्त कराने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को संस्तुति की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के प्रति चिंता व्यक्त की है और दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति और जिला विद्यालय यान परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स को निर्देशित किया गया कि किसी भी कीमत पर जनपद में सड़क दुर्घटनाएं न होने पाएं।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा, "एआरटीओ मथुरा को निर्देश दिया गया है कि जनपद के उन थाना क्षेत्रों का निरीक्षण करें, जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति घायल को अस्पताल ले जाने में मदद करता है, तो उससे किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की जाएगी और उसे उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को 'गुड समीटरियन' के रूप में पहचाना जाएगा।
बैठक में उपस्थित प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि उन्हें अपने विद्यालयों में संचालित वाहनों की फिटनेस और परमिट की वैधता को स्थापित करना होगा। इसके अलावा, एआरटीओ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई विद्यालय नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा।
इस प्रकार की गहन समीक्षा बैठकें इस संकट से निपटने के लिए जरूरी हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो यह बच्चों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल सकता है। अधिकारियों ने सभी स्कूल संचालकों को सतर्क रहने और अपने वाहनों की जांच करने के लिए प्रेरित किया, जिससे कि बच्चों की यात्रा सुरक्षित बनी रहे।
जनता को भी इस मुद्दे पर जागरूक होना आवश्यक है, ताकि वे भी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सचेत रहें और असुरक्षित वाहनों में यात्रा करने से बचें। साथ ही, सड़क सुरक्षा के लिए शिक्षा और जागरूकता भी महत्वपूर्ण है, जिस पर सभी को ध्यान देना चाहिए।
इस मामले में यदि कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। सभी संबंधित पक्षों को इस दिशा में तत्परता दिखानी चाहिए ताकि बच्चों की यात्रा सुरक्षित रह सके।
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