गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश पर्व: कानपुर में दो दिवसीय भव्य आयोजन
कानपुर के गुरुद्वारा बन्ना साहब में गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश पर्व 23 और 24 अगस्त को भव्यता से मनाया जाएगा।

कानपुर :कानपुर के सिख समुदाय में इन दिनों उत्साह का माहौल है, क्योंकि गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज का पहला प्रकाश पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला है। जीटी रोड स्थित गुरुद्वारा बन्ना साहब में इस पवित्र उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हाल ही में गुरुद्वारा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में, जनरल सेक्रेटरी सरदार अजीत सिंह ने इस दो दिवसीय भव्य आयोजन की जानकारी दी।
सरदार अजीत सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी प्रबंध कमेटी गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मना रही है। यह पावन पर्व 23 और 24 अगस्त को आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे।
इस उत्सव का मुख्य आकर्षण दो दिवसीय कीर्तन समागम होगा, जिसमें देश-विदेश से रागी और कथावाचक हिस्सा लेंगे। इस दौरान, श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई साहब निर्भय सिंह विशेष रूप से संगत को अपनी मधुर वाणी से निहाल करेंगे। उनकी कीर्तन प्रस्तुति से माहौल में भक्ति और आध्यात्म का संचार होगा। इसके साथ ही, गुरमत समागम में ज्ञानी बलवीर सिंह कथा और विचारों से संगत को गुरुबाणी के ज्ञान से परिचित कराएंगे।
24 अगस्त को, संगत के लिए एक और बेहद खास मौका होगा। इस दिन भाई बन्नो साहिब जी द्वारा लिखित हस्तलिखित आदि बीड़ के खुले दर्शन कराए जाएंगे। यह एक दुर्लभ और ऐतिहासिक अवसर है, जो संगत को गुरु ग्रंथ साहिब जी के मूल स्वरूप के करीब लाएगा और उनके प्रति आस्था को और गहरा करेगा।
धार्मिक कार्यक्रमों के बाद, दोपहर में अटूट लंगर का वितरण किया जाएगा। लंगर की सेवा सिख धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो सभी को बिना किसी भेदभाव के भोजन कराती है। इस अटूट लंगर के माध्यम से, गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी समाज में सेवा और समानता का संदेश देगी।
प्रेस वार्ता के दौरान, गुरुद्वारा के प्रधान सुरेंद्र सिंह भाटिया समेत अन्य पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे, जिनमें अजीत सिंह भाटिया, लवली सिंह, कवल वीर सिंह, और अमरजीत सिंह शामिल थे। इन सभी ने मिलकर इस भव्य आयोजन को सफल बनाने का संकल्प लिया। गुरुद्वारा बन्ना साहब में होने वाला यह आयोजन न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि पूरे कानपुर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक घटना है, जो एकता और भाईचारे का संदेश देगी।
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