महापौर को ज्ञापन सौंपकर सफाई कर्मचारियों ने मांगी राहत और जॉब सुरक्षा
यूपी नगरीय निगय चालक कर्मचारी ने महापौर को ज्ञापन सौंपकर सफाई व्यवस्था और मृतक कर्मचारी के परिवार की मदद की मांग की।

कानपुर : उत्तर प्रदेश नगरीय निगय चालक कर्मचारी का एक प्रतिनिधि मंडल गुरूवार को महापौर से मिला और दो प्रमुख विषयों पर अनुरोध करते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में प्रमुख रूप से सफाई व्यवस्था की आधिकारिक रिव्यू टाइम में बदलाव की मांग की गई है, जिसे कर्मचारियों की कार्य परिस्थितियों को बेहतर बनाने की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता माना जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि यह ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया जाएगा, जिसमें महापौर जी के माध्यम से संगठन की मांगों को रखा गया है। ज्ञापन में विनोद कुमार ने सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को उजागर करते हुए बताया कि प्रदेश के नगरीय निकायों में साफ-सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग सुबह 5:00 बजे के स्थान पर 7:30 बजे करने की मांग की गई है। उनका कहना था कि वर्तमान में 5:00 बजे जूम-मीटिंग के माध्यम से कार्य प्रारंभ करने के लिए सफाई कर्मियों को सुबह 3:30 बजे से 4:00 बजे के बीच जागना पड़ता है, जिससे वे समय पर अपने संबंधित जोन, वार्ड और बीट पर पहुँच नहीं पाते।
इस समय के कारण कर्मचारियों को न केवल मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है, बल्कि उन्हें अपने बच्चों को स्कूल समय पर छोड़ने में भी कठिनाई होती है। इससे बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विनोद कुमार ने कहा, "जूम-मीटिंग में जुड़ने के कारण सभी सफाई कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे उच्च रक्तचाप, शुगर और अन्य रोग।"
ज्ञापन में एक दुखद घटना का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें मृतक संदीप कुमार का जिक्र किया गया है, जो एक अचयनित संविदा सफाई कर्मचारी थे। उनका हृदयगति रुक जाने के कारण 25 जुलाई, 2025 को निधन हो गया। विनोद ने बताया कि चूंकि संदीप अचयनित कर्मचारी थे, इसलिए उनके परिवार को किसी प्रकार की आर्थिक मदद या नौकरी नहीं मिल सकी।
अतः, संगठन ने मृतक संदीप के परिवार को सहारा देने के लिए महापौर से अनुरोध किया कि उन्हें आउटसोर्सिंग के माध्यम से जीवन-यापन हेतु नौकरी प्रदान की जाए। इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान प्रदेश महामंत्री अखिलेश सिंह भी मौजूद रहे।
महापौर से की गई इस मांग के संदर्भ में यदि प्रशासन उचित कदम उठाता है, तो इससे न केवल सफाई कर्मचारियों के जीवन में सुधार होगा, बल्कि उनकी कार्य परिस्थितियों में भी महत्त्वपूर्ण बदलाव आएगा। इस मुद्दे की गंभीरता और आवश्यकता को समझते हुए, कर्मचारियों की आवाज को सुनना और उनके लिए कार्रवाई करना ही सही दिशा में कदम होगा।
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