लंबित मांगों को लेकर स्टेशन मास्टरों ने किया विरोध प्रदर्शन
कानपुर में स्टेशन मास्टरों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कैडर पुनर्गठन और पुरानी पेंशन जैसी 21 मांगें शामिल थीं।

कानपुर: अपनी लंबित मांगों को लेकर ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सोमवार, 11 अगस्त को कानपुर के विभिन्न स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस "शक्ति प्रदर्शन" के तहत, स्टेशन मास्टरों ने कानपुर सेंट्रल, पनकी, चंदारी, अनवरगंज और चकेरी जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर बैज लगाकर सांकेतिक विरोध जताया। इस दौरान, उन्होंने वृक्षारोपण भी किया, जो उनके विरोध का एक अनोखा तरीका था।
एसोसिएशन के मंडल सचिव ज्ञानेंद्र पांडेय ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन प्रयागराज मंडल के सभी स्टेशनों पर किया गया। उन्होंने 21 सूत्री मांगों का जिक्र किया, जिनमें प्रमुख रूप से कैडर पुनर्गठन, बिना किसी सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, जोखिम और तनाव भत्ता, और स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, स्टेशन मास्टरों ने कार्यालय से संबद्ध शौचालय, महिला स्टेशन मास्टरों के लिए अलग शौचालय, वस्त्र परिवर्तन कक्ष और रनिंग वाटर सप्लाई जैसी बुनियादी जरूरतों को भी अपनी मांगों में शामिल किया।
ज्ञानेंद्र पांडेय ने बताया कि एसोसिएशन देशभर में 11 अगस्त को "शक्ति दिवस" के रूप में मनाता है। इसी कड़ी में, प्रयागराज मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में एसोसिएशन के 30 पदाधिकारियों ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों का ज्ञापन मंडल रेल प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक और वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी को सौंपा।
इस विरोध प्रदर्शन के बावजूद, स्टेशन मास्टरों ने रेल संचालन के कार्य को बाधित नहीं किया। वे अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करते रहे, जिससे आम जनता को कोई असुविधा नहीं हुई। यह दिखाता है कि वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन वे जनता की सेवा को भी प्राथमिकता देते हैं।
पनकी में कार्यरत स्टेशन मास्टर और एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष इंद्रसेन ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि स्टेशन मास्टर भारतीय रेल के सुरक्षित और संरक्षित संचालन की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, लेकिन उन्हें स्वच्छ पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने प्रशासन के समक्ष अपनी मांगों को मजबूती से रखा है और उम्मीद है कि इनका जल्द ही समाधान होगा।
इंद्रसेन ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो भारतीय रेल की धड़कन कहलाने वाले स्टेशन मास्टरों को भविष्य में और भी बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह विरोध प्रदर्शन भारतीय रेलवे के कर्मचारियों के बीच बढ़ती असंतोष को दर्शाता है और प्रशासन को इन मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
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