इफको ने नैनो उर्वरकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया

महिलाओं का कृषि में महत्वपूर्ण योगदान है। इफको ने प्रयागराज के बगई कला में किसान महिलाओं को नैनो उर्वरकों का प्रशिक्षण दिया।

Sep 3, 2025 - 21:01
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इफको ने नैनो उर्वरकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया
इफको ने नैनो उर्वरकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया

प्रयागराज : भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का एक विशेष स्थान है, और इस क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को अक्सर कम करके आँका जाता है। इसी महत्व को रेखांकित करते हुए, मोतीलाल नेहरू फार्मर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कोरडेट, इफको, फूलपुर ने ग्राम बगई कला में महिला किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम कृषि में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान को सम्मान देने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से सशक्त बनाने पर केंद्रित था।

मुख्य अतिथि के रूप में, संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. डी.के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा, "फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक, और पशुपालन से लेकर कृषि प्रबंधन तक, हर क्षेत्र में महिलाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।" उन्होंने इफको के नैनो उर्वरकों की सराहना करते हुए कहा कि ये कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक क्रांति ला रहे हैं। डॉ. सिंह ने प्रतिभागियों को नैनो यूरिया प्लस, नैनो कॉपर, नैनो जिंक, और नैनो डीएपी के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया, जो धान की फसल के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को कोरडेट और इफको के विभिन्न क्रियाकलापों से भी परिचित कराया गया। फल संरक्षण एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाई की प्रभारी, सविता शुक्ला ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के अचार और मुरब्बे बनाने की विधियों का व्यावहारिक ज्ञान दिया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों (SHG) के महत्व पर भी जोर दिया, जिससे महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

प्रभारी प्रशिक्षण मुकेश तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया और स्वस्थ व टिकाऊ खेती के लिए मृदा परीक्षण के महत्व को समझाया। उन्होंने जैव उर्वरकों और जैव अपघटकों के उपयोग पर भी जोर दिया, जो मिट्टी की सेहत बनाए रखने और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में सहायक होते हैं।

प्रशिक्षण के दौरान, महिला किसानों को नैनो उर्वरकों और जैव उर्वरकों के धान की फसल पर लगे परीक्षणों (trials) का भ्रमण कराया गया। इससे उन्हें इन उत्पादों के प्रभाव को प्रत्यक्ष रूप से देखने का मौका मिला। इसके अतिरिक्त, उन्हें कोरडेट की विभिन्न इकाइयों का भी दौरा कराया गया, जिससे वे संस्थान की गतिविधियों को बेहतर ढंग से समझ सकें।

इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान बगई कला, प्रताप बहादुर सिंह, और कोरडेट फूलपुर के अधिकारी डॉ. हरिश्चंद्र, सुमित तेवतिया, अंजली चौधरी, डॉ. अनुराधा राय, और राजेश कुमार सिंह सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल महिला किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

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