दानेदार यूरिया और डीएपी मिट्टी को कर रहे नुकसान, नैनो उर्वरकों को अपनाने पर ज़ोर
प्रयागराज में किसानों को नैनो उर्वरक अपनाने की सलाह, दानेदार यूरिया और डीएपी से हो रही मिट्टी की क्षति।

प्रयागराज : खेत की उपजाऊ मिट्टी को बचाने के लिए अब किसानों को नैनो तकनीक आधारित उर्वरकों को अपनाना होगा। यह संदेश दिया अपर आयुक्त एवं अपार निबंधक सहकारिता लखनऊ देवमणि मिश्रा ने, जिन्होंने इफको किसान सेवा केंद्र, घियानगर नगर, फूलपुर प्रयागराज का दौरा कर किसानों के बीच उर्वरकों की बिक्री व्यवस्था का निरीक्षण किया।
अपर आयुक्त ने किसानों से संवाद करते हुए बताया कि दानेदार यूरिया और डीएपी जैसे पारंपरिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता को नष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब हमें नैनो उर्वरकों को अपनाकर फसल उत्पादन के साथ-साथ मिट्टी को भी बचाना होगा। उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए इन उर्वरकों के प्रयोग से होने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी भी दी।
उनके साथ संयुक्त कृषि निदेशक लखनऊ अखिलेश कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। भ्रमण के बाद दोनों अधिकारियों ने कोरडेट, फूलपुर परिसर में वृहद वृक्षारोपण अभियान के तहत एक-एक पौधा रोपित कर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी के के सिंह, उप कृषि निदेशक पवन विश्वकर्मा, एआर विवेक यादव, कोरडेट प्रधानाचार्या डॉ. डी. के. सिंह, क्षेत्र अधिकारी अमित सिंह, और सुमित तेवतिया सहित कोरडेट के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।
यह कार्यक्रम न केवल उर्वरक उपयोग की दिशा में किसानों को नई सोच देने वाला साबित हुआ, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बना। किसान अब धीरे-धीरे पारंपरिक उर्वरकों से हटकर नैनो तकनीक की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे मिट्टी की सेहत बेहतर रहेगी और उत्पादन भी टिकाऊ होगा।
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