प्रगतिशील किसानों के लिए इफ्को का नया सूत्र: ‘इफको एक परिवार, किसान इसके सदस्य’
इफ्को ने किसानों को अपने परिवार का सदस्य बताया, उन्हें आधुनिक और प्राकृतिक खेती के तरीकों से अवगत कराया।

प्रयागराज: देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने के लिए इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रयागराज स्थित कोरडेट मोतीलाल नेहरू फार्मर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों जैसे अलीगढ़, मैनपुरी, आगरा, हाथरस और मथुरा से आए 26 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए, इंस्टिट्यूट के प्रधानाचार्य डॉ. डी.के. सिंह ने इफको और किसानों के बीच के गहरे रिश्ते को रेखांकित करते हुए कहा, "इफको एक परिवार है और देश के किसान भाई इस परिवार के सदस्य हैं, जो अन्न उत्पादन करके पूरे देश का भरण-पोषण कर रहे हैं।"
डॉ. सिंह ने इस दौरान इफको के विभिन्न कृषि उपयोगी उत्पादों, विशेष रूप से नैनो उर्वरकों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कोरडेट की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि यह संस्थान किसानों को न केवल सैद्धांतिक बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता प्राकृतिक और आधुनिक खेती के तरीकों का अनूठा मिश्रण था। समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे हाथरस के प्रगतिशील कृषक गेंदालाल रावत ने प्राकृतिक खेती के अपने सफल अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह गोबर की खाद और नीम खली के प्रयोग से गुणवत्तापूर्ण और स्वस्थ उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने सब्जियों की खेती में लगने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए बालू और देसी कपूर के मिश्रण को शाम के समय खेतों में बिखेरने जैसी सरल और प्रभावी विधि का भी उल्लेख किया।
तीन दिवसीय इस गहन प्रशिक्षण में विभिन्न कृषि विशेषज्ञों ने किसानों का मार्गदर्शन किया। सुमित तेवतिया, प्रभारी प्रक्षेत्र उद्यान, ने इफको के नैनो उर्वरकों, सागरिका और जल में घुलनशील उर्वरकों की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सूक्ष्म जैविकविद अंजली चौधरी ने मृदा संरक्षण में जैव उर्वरकों और जैव अपघटकों के प्रयोग को समझाया, जिससे मिट्टी की उर्वरता और स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है। प्रयागराज के सहायक विकास अधिकारी कृषि, मनीष अग्रहरि ने खरीफ फसलों से जुड़ी आवश्यक सस्य क्रियाओं की जानकारी दी।
पशुपालन को एक लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. पी.के. श्रीवास्तव ने पशुओं के रखरखाव, टीकाकरण और संक्रामक रोगों से बचाव के उपायों पर जोर दिया। इफको एमसी के अरविंद कुमार द्विवेदी ने फसल सुरक्षा के लिए इफको एमसी उत्पादों के उपयोग के बारे में बताया, जबकि प्रभारी मौन पालन वीरेंद्र सिंह ने मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से किसानों को होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, डॉ. हरिश्चंद्र, प्रभारी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला ने किसानों को मिट्टी की जांच करवाकर संतुलित उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे।
कार्यक्रम के अंत में, एक प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में सहायक प्रबंधक सविता शुक्ला और प्रभारी प्रशिक्षण मुकेश तिवारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने किसानों के सवालों का समाधान किया और उनके मनोबल को बढ़ाया। यह कार्यक्रम इफको की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि एक ऐसा परिवार है जो अपने किसान सदस्यों के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
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