भारतीय रसायन विज्ञान के जनक आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की विरासत को किया गया याद
आर्यकुल कॉलेज ने विद्याभारती के सहयोग से आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें उनके वैज्ञानिक योगदानों पर चर्चा हुई।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के प्रोफेसर, प्रो. विनय कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलन और राष्ट्रीय गान के साथ किया। समारोह में उनके आगमन पर कॉलेज के प्रबंधक डॉ. सशक्त सिंह, डॉ. आदित्य, डॉ. मंजुल, डॉ. अंकिता और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अजय शुक्ला ने उन्हें शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान से आए प्रो. जय शंकर पांडेय (क्षेत्र संयोजक), डॉ. सुभाष मिश्रा (उपाध्यक्ष), डॉ. मंजुल त्रिवेदी (सचिव) और डॉ. सशक्त सिंह (प्रबंधक एवं कोषाध्यक्ष) का भी विशेष सम्मान किया गया।
स्वागत भाषण देते हुए, आर्यकुल कॉलेज के निदेशक डॉ. सशक्त सिंह ने रसायन विज्ञान के उद्देश्यों और उसकी प्रासंगिकता पर गहनता से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "यह दिन हमें भारतीय रसायन विज्ञान के जनक आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे के महान योगदान को याद करने का अवसर देता है। उनकी खोजें आज भी आधुनिक रसायन विज्ञान के साथ-साथ आयुर्वेद पद्धति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।" उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रसायन विज्ञान जीवन के हर पहलू से जुड़ा है, और आज के विद्यार्थियों को इस दिशा में आगे बढ़कर नई-नई खोजें करनी चाहिए।
इसके बाद, विद्या भारती के प्रो. जय शंकर पांडेय ने अपना अमूल्य वक्तव्य प्रस्तुत किया, जिसने श्रोताओं को आचार्य रे के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित कराया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, प्रो. विनय कुमार सिंह, ने "रसायन विज्ञान की वर्तमान भूमिका एवं भविष्य" विषय पर एक सारगर्भित और प्रेरणादायक व्याख्यान दिया, जिससे छात्रों को इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं और चुनौतियों की बेहतर समझ मिली।
समारोह को और अधिक रोचक बनाने के लिए एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विषयों पर छात्रों ने अपने शोध और विचारों को प्रस्तुत किया। विजेताओं को मुख्य अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में, फार्मेसी एवं रिसर्च विभाग के उप-निदेशक डॉ. आदित्य सिंह ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन डॉ. गौरव मिश्रा ने किया।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर, आर्यकुल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती रुचि सिंह, रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी सहित डॉ. अंकिता अग्रवाल, डॉ. स्नेहा सिंह, आस्था तिवारी, दीपिका कुमारी, स्वर्णिमा श्रीवास्तव, डॉ. राहुल शर्मा, प्रधानाचार्य प्रोफेसर एस.सी. तिवारी, डॉ. गौरव मिश्रा, एचओडी शिक्षा प्रणव पांडेय और बड़ी संख्या में फार्मेसी, मैनेजमेंट, और एजुकेशन के छात्र-छात्राओं एवं स्टाफ सदस्यों की उपस्थिति रही। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी न केवल आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे को एक सच्ची श्रद्धांजलि थी, बल्कि युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने का एक सफल प्रयास भी था।
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