प्राथमिक स्कूल मर्जिंग रद्द करने की जोरदार मांग, सड़क पर उतरे सैकड़ों लोग

सीतापुर में सैकड़ों लोगों ने प्राथमिक स्कूल मर्जिंग के खिलाफ प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

Aug 1, 2025 - 14:26
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प्राथमिक स्कूल मर्जिंग रद्द करने की जोरदार मांग, सड़क पर उतरे सैकड़ों लोग
प्राथमिक स्कूल मर्जिंग रद्द करने की जोरदार मांग

सीतापुर: सीतापुर जिले में प्राथमिक स्कूलों की मर्जिंग के फैसले के खिलाफ संगतिन किसान मजदूर संगठन और समता युवा मंच ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों लोग जिला मुख्यालय की सड़कों पर उतर आए और मर्जिंग रद्द करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित चार सूत्रीय ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा। इस प्रदर्शन में मिश्रिख, मछरेहटा, गोंदलामऊ, महोली समेत आठ ब्लॉकों के कार्यकर्ता, बंद होने वाले स्कूलों के छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक शामिल हुए।

जीआईसी परिसर स्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समक्ष संगतिन और समता युवा मंच के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों को समान रूप से मिलने की मांग की। ज्ञापन में स्कूल बंदी की प्रक्रिया को तत्काल रोकने, विसंगतियों वाले स्कूलों की मर्जिंग को रद्द करने, गुणवत्तापूर्ण और वैज्ञानिक सोच पर आधारित शिक्षा देने तथा प्राथमिक विद्यालयों के कर्मचारियों की नौकरी स्थायी करने की बात कही गई है।

संगतिन के संयोजक ऋचा सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि ज्यादातर प्राथमिक स्कूलों में गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं, जो प्राइवेट स्कूलों की फीस वहन नहीं कर पाते। स्कूलों की मर्जिंग से ये बच्चे पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मर्जिंग के बाद स्कूल दूर होने के कारण लड़कियों की संख्या में गिरावट आएगी, जिससे उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

समता युवा मंच के मुकेश भार्गव ने कहा कि शिक्षा केवल खर्च नहीं, बल्कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए निवेश है। प्रदर्शन में शामिल सुरबाला और रामबेटी ने बताया कि जिन स्कूलों को मर्ज किया गया है, वहां के रास्ते सुनसान और असुरक्षित हैं। कई गांवों के बच्चे हाईवे पार करके स्कूल जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।

कुलदीप कुमार ने मर्जिंग प्रक्रिया में आई विसंगतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक होने के बावजूद उन्हें बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बंद किए गए 95 स्कूलों में आ रही दिक्कतों की रिपोर्ट भी बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी गई है।

इस विरोध प्रदर्शन में रामबेटी, जसना, जगन्नाथ, रामशरण, बिटोली, जमुना, पप्पू, राजाराम, रोहित, रामजीवन, कुलदीप कुमार, कौसर जहाँ, कमल किशोर, रामकुमार, केशकली समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। इस आंदोलन के माध्यम से स्थानीय समाज ने प्राथमिक शिक्षा के अधिकार और गुणवत्ता को बचाने की जोरदार मांग की है।

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