नैनो उर्वरक से सस्ती और टिकाऊ खेती संभव: इफको

प्रयागराज में किसानों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में इफको के अधिकारियों ने नैनो उर्वरकों के फायदों पर जोर दिया।

Sep 4, 2025 - 21:09
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नैनो उर्वरक से सस्ती और टिकाऊ खेती संभव: इफको

प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू फार्मर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कोरडेट, इफको फूलपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को नैनो उर्वरकों के महत्व से अवगत कराया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करना था।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.के. सिंह, प्रधानाचार्य, मोतीलाल नेहरू फार्मर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कोरडेट, ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इफको के नैनो उर्वरक भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। इनके इस्तेमाल से किसान सस्ती और टिकाऊ खेती कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरक पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में अधिक प्रभावी हैं और फसलों को आवश्यक पोषक तत्व सीधे प्रदान करते हैं।

डॉ. सिंह ने नैनो यूरिया प्लस, नैनो कॉपर, नैनो जिंक और नैनो डीएपी जैसे उत्पादों के उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन उत्पादों का उपयोग करने से न केवल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि उर्वरकों की लागत भी कम हो जाती है। इस दौरान उन्होंने इफको और कोरडेट द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी बताया।

कार्यक्रम में उपस्थित हरिश्चंद्र पटेल, रवि बिंद और बृजमोहन पटेल जैसे प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि नैनो उर्वरकों का उपयोग करके उन्होंने पारंपरिक उर्वरकों की मात्रा को आधा कर दिया है, जिससे उनकी लागत में काफी कमी आई है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन प्रभारी मुकेश तिवारी ने किया, जिन्होंने स्वस्थ और टिकाऊ खेती के लिए मृदा परीक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसानों को जैविक उर्वरकों और जैव अपघटकों के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी, ताकि वे अपनी मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रख सकें।

कार्यक्रम के अंत में, डॉ. सिंह ने किसानों को नैनो उर्वरकों और जैव उर्वरकों के धान की फसल पर किए गए परीक्षणों को दिखाया। इसके साथ ही, उन्होंने कोरडेट की विभिन्न इकाइयों का भ्रमण भी कराया, जिससे किसानों को नई तकनीकों को समझने का मौका मिला।

कार्यक्रम में किसानों को उनके सवालों के जवाब भी दिए गए, जिससे उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान मिला। इस मौके पर ग्राम प्रधान श्रीमती इंद्रपती यादव, प्रदीप यादव, रामचंद्र पटेल, ऋषि राम यादव और कोरडेट फूलपुर की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती सविता शुक्ला सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। यह कार्यक्रम किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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