कृष्ण जन्मोत्सव के लिए सज गया बाजार, बच्चों को 'कान्हा' बनाने की होड़
अंबेडकरनगर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, बाजारों में मुकुट, बांसुरी और बाल गोपाल की पोशाकों की भारी मांग।

अंबेडकरनगर : रक्षाबंधन के तुरंत बाद, अंबेडकरनगर के बाजार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रंग में रंग गए हैं। 16 अगस्त को होने वाले योगीराज भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। बाजार में विशेष रूप से सजाई गई दुकानें, मुकुट, बांसुरी और सुंदर पोशाकों से भरी पड़ी हैं, जो खरीदारों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। खासकर वे माता-पिता जो अपने बच्चों को बाल गोपाल के रूप में सजाने के लिए उत्सुक हैं, इन दुकानों पर सबसे ज्यादा नजर आ रहे हैं।
पूरे शहर में जन्माष्टमी की तैयारियों का माहौल है। शहजादपुर बाजार सहित अन्य बाजारों में रौनक बढ़ गई है। दुकानदार भी ग्राहकों की बढ़ती मांग को देखते हुए थोक बाजारों से लगातार नया माल मंगवा रहे हैं। शहर और ग्रामीण इलाकों के लोग अपने घरों को सजाने और बाल गोपाल के लिए आवश्यक सामान खरीदने में व्यस्त हैं। बच्चों के लिए तैयार किए गए रंग-बिरंगे परिधान, गहने और खिलौने पूरे माहौल को कृष्णमय बना रहे हैं।
बाजार में सजी खास वस्तुएं
जन्माष्टमी के लिए इस बार बाजार में कई नई और आकर्षक चीजें उपलब्ध हैं:
मुकुट: इस बार छह अलग-अलग डिज़ाइन के मुकुट उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत ₹20 से ₹100 तक है।
गहने: ₹20 से ₹40 के बाजूबंद, ₹20 जोड़ी के कुंडल और ₹50 से ₹150 के कमरबंध भी खूब पसंद किए जा रहे हैं।
बांसुरी: तीन तरह की बांसुरियां, जिन पर कृष्ण और राधा-कृष्ण के चित्र बने हैं, ₹30 से ₹50 में मिल रही हैं।
पोशाकें: बच्चों के लिए 1 से 12 साल तक की उम्र के लिए तीन नए डिज़ाइन की पोशाकें बाजार में छाई हुई हैं। इनमें पारंपरिक पीली पोशाक, सुनहरी प्रिंट वाली पीली पोशाक और 'राधा-कृष्ण' नाम अंकित डिज़ाइन शामिल हैं, जिनकी कीमत ₹150 से ₹300 के बीच है।
झूले और डोलची: बाल गोपाल के लिए ₹100 से ₹1000 तक के झूले उपलब्ध हैं। प्रसाद के लिए ऊन से सजी प्लास्टिक की डोलचियां भी ₹30 से ₹70 में बिक रही हैं।
भक्तों का उत्साह चरम पर
जन्माष्टमी को लेकर शहरी कॉलोनियों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक भक्तों में एक अलग ही जोश देखने को मिल रहा है। सभी के मुख से 'राधे राधे' के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। भक्तों ने अपने घरों में बाल गोपाल की झांकियां सजाना शुरू कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से ग्राहकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिससे उनकी बिक्री कई गुना बढ़ गई है। बच्चों को कृष्ण के रूप में सजाने का चलन बढ़ने से मुकुट, बांसुरी और पोशाकों की मांग सबसे ज्यादा है।
What's Your Reaction?






