डायबिटिक फुट अल्सर बन रहा है नया खतरा, लखनऊ में जागरूकता शिविर और क्लिनिक की शुरुआत

डायबिटिक फुट अल्सर से हर 5 मिनट में एक अंग कट रहा है, लखनऊ में विशेष क्लिनिक और शिविर से जागरूकता अभियान शुरू।

Jul 24, 2025 - 21:49
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डायबिटिक फुट अल्सर बन रहा है नया खतरा, लखनऊ में जागरूकता शिविर और क्लिनिक की शुरुआत
डायबिटिक फुट अल्सर बन रहा है नया खतरा

लखनऊ। भारत में तेजी से बढ़ रहे मधुमेह के मामलों के बीच एक गंभीर और अक्सर अनदेखी जटिलता — डायबिटिक फुट अल्सर — अब सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए नई चुनौती बनकर उभर रही है। इसी विषय पर केंद्रित एक समर्पित क्लिनिक और जागरूकता अभियान का शुभारंभ लखनऊ स्थित विनायक कॉस्मेटिक सर्जरी एंड लेज़र सेंटर, गोमती नगर में हुआ।

क्लिनिक के संस्थापक एवं प्लास्टिक सर्जन डॉ. अनुपम शरण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मधुमेह से जूझ रहे लाखों लोगों में से बड़ी संख्या में मरीज फुट अल्सर के कारण अंग-विच्छेदन तक की स्थिति में पहुंच जाते हैं।

“भारत अब मधुमेह की राजधानी बन चुका है, और इसी के साथ अम्पुटेशन की घटनाएं भी खतरनाक रूप से बढ़ी हैं,” उन्होंने कहा।

📊 गंभीर आंकड़े:
दुनिया में 828 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रसित, इनमें से 21.2 करोड़ भारत में।

15% से 20% डायबिटिक मरीजों को जीवन में एक बार फुट अल्सर होता है।

भारत में हर साल 50,000 से 1 लाख लोग डायबिटिक फुट अल्सर के कारण अंग कटवाने को मजबूर।

हर 5 से 10 मिनट में एक मरीज का अंग कट रहा है।

🧠 समस्या क्यों गंभीर है?
लोग आंख, किडनी, हार्ट जैसे डायबिटिक प्रभावों को लेकर जागरूक हैं, लेकिन फुट अल्सर को नजरअंदाज कर देते हैं।

समय पर पहचान और इलाज न होने के कारण संक्रमण बढ़ता है और अंत में अंग कटवाने की नौबत आ जाती है।

🩺 नई क्लिनिक की सुविधाएं:
एंकल ब्रेकियल इंडेक्स (ABI): रक्त संचार की जांच।

टो ब्रेकियल इंडेक्स (TBI): डायबिटिक मरीजों के लिए विशेष धमनियों की जांच।

फुट सेंसेशन मैपिंग: न्यूरोपैथी और जोखिम क्षेत्र की पहचान।

फुट प्रेशर मैपिंग: दबाव बिंदुओं की जांच।

ऑफलोडिंग शू डिज़ाइन: पैर की संरचना अनुसार विशेष जूते।

📅 निःशुल्क जागरूकता शिविर:
दिनांक: रविवार, 27 जुलाई 2025

समय: सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक

स्थान: विनायक कॉस्मेटिक सर्जरी एंड लेज़र सेंटर, लखनऊ

ऑफर: ₹2100 की जांच अब केवल ₹1200 में

डॉ. शरण ने कहा कि भविष्य में आस-पास के क्षेत्रों में भी निःशुल्क जन-जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस उपेक्षित जनस्वास्थ्य समस्या पर अधिक से अधिक ध्यान दें और इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग करें।

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